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Sarkari Patra Lekhan For UPPSC Mains Hindi, RO ARO Hindi Patra Lekhan, Gyanalay

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​​​​​​सरकारी पत्र की परिभाषा

सरकारी पत्र को शासकीय पत्र भी कहते हैं। ऐसे पत्र जो सरकारी काम काज से संबंधित होते हैं उन्हें Sarkari Patra या Official Letter कहते है। इसका प्रयोग सरकारी विभागों/कार्यालयों द्वारा किया जाता है।

सरकारी पत्र की विशेषता

1. सरकारी पत्र पूरी तरह औपचारिक होता है।
2. Sarkari Patra में व्यक्तिगत परिचय नहीं होता है।
3. शासकीय पत्र संक्षिप्त और संतुलित होता है। इसमें सिर्फ जरूरी बातें ही लिखी जाती हैं।
4. Official Letter या Sarkari Patra में राजभाषा की शब्दावली का प्रयोग किया जाता है। आम बोलचाल की भाषा का प्रयोग सरकारी पत्र में नहीं किया जाता है।
5. सरकारी पत्र की भाषा संयत और शिष्ट होनी चाहिए।
6. यह अन्य पुरूष शैली में लिखा जाता है।
7. एक पैराग्राफ में एक ही बात लिखी जाती है।

Sarkari Patra का प्रारूप

                                      पत्र संख्या...................
                                      विभाग.......................
                                      स्थान......, दिनांक........
प्रेषक,
    ...............
    ...............
सेवा में,
    .........
    .........
    विषय......................................................।
    महोदय,
          ..........................................................
     ..............................।
          2. ....................................................।

                                                         भवदीय
                                                         हस्ताक्षर...

सरकारी पत्र का उदाहरण

                            पत्र संख्या गृ० मं० 4/अ/2022
                            गृह मंत्रालय, उत्तर प्रदेश शासन
                            लखनऊ, दिनाँक..................
प्रेषक,
     सचिव
     गृह मंत्रालय
सेवा में,
     सचिव
     रक्षा मंत्रालय
     नई दिल्ली
     विषय - उच्च न्यायालय के सामने स्थित भूमि के संबंध में।
    महोदय,
           मुझे आपका ध्यान प्रयागराज उच्च न्यायालय के सामने स्थित भूमि की ओर आकृष्ट कराने का निदेश हुआ है। यह भूमि विगत अनेक वर्षों से खाली पड़ी है। रक्षा मंत्रालय द्वारा इसका प्रयोग नहीं किया जा रहा है।
           2. उत्तर प्रदेश सरकार इस भूमि का स्थानांतरण चाहती है। यहां पर प्रदेश सरकार की ओर से पुलिस प्रशिक्षण केंद्र बनाने की योजना है।
            रक्षा मंत्रालय की स्वीकृति की प्रतीक्षा है
           
                                               सचिव गृह मंत्रालय
                                                        
पृष्ठांकन उपर्युक्त
प्रतिलिपि निम्नलिखित को सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित
1.
2.
3.
                                              भवदीय
                                              हस्ताक्षर
                                              क ख ग
                                              सचिव गृह मंत्रालय



सरकारी पत्र लिखते समय बरती जाने वाली सावधानियां...

1. पत्रांक पत्र के दाहिने तरफ सबसे ऊपर लिखा जाता है|
2. पत्रांक के नीचे मंत्रालय विभाग लिखते हैं|
3. विभाग के नीचे स्थान अर्धविराम लगाते हुए दिनांक लिखते हैं।
4. प्रेषक (भेजने वाला) बाई तरफ लिखते हैं इसमें पदनाम तथा पदनाम के नीचे विभाग मंत्रालय लिखते हैं।
5. सेवा में (पाने वाला) के बगल में अर्धविराम लगाते हैं। इसके नीचे पदनाम तथा पदनाम के नीचे विभाग या मंत्रालय लिखते हैं।
6. सेवा में लिखने के बाद विषय लिखते हैं। विषय संक्षिप्त तथा स्पष्ट होना चाहिए।
7. विषय के नीचे महोदय लिखते हैं तथा महोदय के बगल में अर्धविराम लगाते हैं।
8. एक पैराग्राफ में एक बात लिखते हैं। दूसरी बात दूसरे पैराग्राफ से शुरू करते हैं। दूसरे पैराग्राफ से नंबरिंग करते हैं।
9. नीचे दाहिनी तरफ भवदीय लिखते हैं। उसके नीचे हस्ताक्षर, पदनाम व विभाग लिखा जाता है।

Sarkari Patra वीडियो देखने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें

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UPSC, UPPSC Me Hindi Medium Me Adhik Ank Kaise Prapt Kre

UPSC, UPPSC Me Hindi Medium Me Adhik Ank Kaise Prapt Kre

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UPSC, UPPSC Me Hindi Medium Me Adhik Ank Kaise Prapt Kre

    जय हिन्द दोस्तों! Gyanalay में आपका स्वागत है। अक्सर देखा गया है कि हिंदी माध्यम के प्रतियोगियों को मुख्य परीक्षा में कम अंक प्राप्त होते हैं, जिसकी वजह से अंग्रेजी माध्यम के छात्रों को लाभ प्राप्त होता है। अंतिम परिणाम में या तो हिंदी माध्यम के प्रतियोगी छात्र बाहर हो जाते हैं या फिर कम रैंक आने पर किसी छोटे पोस्ट पर सिलेक्शन होता है। लेकिन ऐसा नहीं है की हिंदी माध्यम में उत्तर लिखकर अधिक अंक प्राप्त नहीं किए जा सकते। अगर मुख्य परीक्षा में ठीक से हिंदी के शब्दों का प्रयोग किया जाए, ठीक से पैराग्राफ बनाए जाएं, तो निश्चित रूप से अंग्रेजी माध्यम के छात्रों की तरह हिंदी माध्यम के छात्र भी अधिक अंक प्राप्त कर सकते हैं।



    यहां एक तरीका बताया जा रहा है जिसका प्रयोग करके हिंदी माध्यम के छात्र भी अधिक अंक प्राप्त कर सकेंगे। कुछ ऐसे शब्दों का उपयोग करना बताया गया है, जिससे आप निबंध में और मुख्य परीक्षा में अधिक अंक प्राप्त कर सकेंगे। हम आज उन शब्दों की बात करेंगे जिनसे आप अपने वाक्य की शुरुआत करेंगे, आप अपने पैराग्राफ की शुरुआत करेंगे। इन शब्दों का प्रयोग करके, इन शब्दों के समूह का प्रयोग करके, आप आसानी अपने निबंध को, अपने उत्तर को सही, स्टीक, क्रमबद्ध और सम्पूर्ण रूप से लिख पाएंगे। ये ऐसे शब्दावली हैं, ऐसे वाक्य हैं जो अक्सर समाचार पत्रों की संपादकीय में निकलते हैं। हमने उनको संकलित किया है और जिसे हम आपके सामने प्रस्तुत कर रहे हैं। निश्चित रूप से अगर आपके द्वारा उत्तर लिखते समय इन शब्दों का प्रयोग किया जाता है तो आपको औरों के मुकाबले अधिक अंक मिलेंगे।



    कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं ...

1. यह कहना गलत नहीं होगा कि...

2. हालांकि ऐसा है कि...

3. हालांकि ऐसा नहीं है कि...

4. हकीकत यह है कि...

5. इतना ही नहीं...

6. आलम यह है कि...

7. जाहिर है कि हम...

8. अच्छी बात यह है कि...

9. हालांकि यहां इस चिंता को खारिज नहीं किया जा सकता कि....

10.  लिहाजा अच्छा लग रहा है कि...

11. गौरतलब है कि..


12. जाहिर है कि ...

13. अतः बात घूम फिर कर वहीं आती है ...

14. हालांकि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए भारत के संबंध में यही कहा जा सकता है कि ...

15. उम्मीद की जा सकती है कि ....

16. दुखद पहलू यह है कि ....



   दोस्तों ये ऐसे शब्द है जिसे हम अपने पैराग्राफ कि, अपने वाक्य की शुरुआत में प्रयोग कर सकते हैं। इन शब्दों के प्रयोग से परीक्षक के ऊपर एक सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह आपके उत्तर को, आपके निबंध को एक तेज, एक आकर्षण प्रदान करता है। आपको अपने उत्तर में, अपने निबंध में इन शब्दों का प्रयोग करना चाहिए। अगर आप इन वाक्यों का प्रयोग करेंगे तो निश्चित रूप से आप भी अंग्रेजी माध्यम के छात्रों की तरह है हिंदी माध्यम में अधिक अंक प्राप्त कर सकेंगे। अगली बार मॉक उत्तर या निबंध लिखते समय इनका प्रयोग करिएगा और स्वयं अपने उत्तर का मूल्यांकन कीजिएगा, अच्छा लगेगा। 

Ardh Sarkari Patra, Demi Official Letter, DO Letter, Gyanalay

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अर्ध सरकारी पत्र या अर्ध शासकीय पत्र या डेमी ऑफिशल लेटर

अर्ध सरकारी पत्र, सरकारी पत्र का ही एक उपभेद है। इसका प्रयोग भी सरकार के कामकाज में होता है। यद्यपि इसका प्रयोग कम होता है। यह कभी कभी भेजे जाते हैं। जब किसी आवश्यक काम की ओर संबंधित अधिकारी का ध्यान तुरंत आकृष्ट कराना हो, सरकार के किसी आदेश का परिपालन शीघ्रता से कराना हो, किसी विभाग से कोई जानकारी अभिलंब लेना हो तब अर्ध सरकारी पत्र भेजे जाते हैं। इन पत्रों में औपचारिकता का पालन नहीं किया जाता। काम के जल्दी को ध्यान में रखकर ऐसे पत्र संबंधित अधिकारी के व्यक्तिगत नाम के साथ भेजे जाते हैं। ऐसे पत्र जो किसी कार्यालय के अधिकारी द्वारा किसी अन्य कार्यालय के अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से लेकिन सरकारी कार्य हेतु प्रेषित किए जाते हैं अर्ध सरकारी पत्र कहलाते हैं।


अर्ध सरकारी पत्र की विशेषताएं 


1. सरकारी पत्र का एक उपभेद है|
2. सरकारी कामकाज के संबंध में इसका प्रयोग किया जाता है| शीघ्र कार्यवाही या अभिलंब जानकारी प्राप्त करने के उद्देश्य से इसका उपयोग किया जाता है|
 3. अर्ध सरकारी पत्र व्यक्तिगत होते हैं तथा आत्मीय शैली में लिखे जाते हैं।
4. अर्ध सरकारी पत्र उत्तम पुरुष में लिखा जाता है।
5. इसमें औपचारिकता का पालन नहीं होता है।
6. प्रायः इसका प्रयोग समान स्तर के अधिकारियों के बीच किया जाता है।


अर्ध सरकारी पत्र उदाहरण

                     अर्ध स० पत्र सं० 23(1) 2022-23

क ख ग                         शिक्षा विभाग (उच्च शिक्षा)
सचिव                            उत्तर प्रदेश शासन

                                    लखनऊ, दिनाँक.....

प्रिय/श्री....                    
            कृपया श्री अ ब स लेखाधिकारी के संबंध में भेजे गए अपने पत्र संख्या.......दिनांक.......का अवलोकन करें।
            2. आप की संस्तुति के आधार पर मैं यह सूचित करना चाहूंगा कि श्री अ ब स को दिनांक...... तक सेवा में बने रहने दिया जाए।
            
श्री च छ ज                                  आपका शिक्षा 
निदेशक(उ. शि.)                           हस्ताक्षर
उच्च शिक्षा निदेशालय,                    क ख ग
उत्तर प्रदेश, प्रयागराज               सचिव, उच्च शिक्षा



अर्ध सरकारी पत्र लिखते समय ध्यान  देने योग्य बातें

1. अर्ध सरकारी पत्र में पत्रांक पत्र के बीच में लिखा जाता है|
2.  विभाग या कार्यालय का नाम पत्र के सबसे ऊपर दाहिनी तरफ लिखते हैं| उसके नीचे स्थान और दिनांक लिखा जाता है| स्थान के बाद अर्धविराम लगाते हैं फिर दिनांक लिखते हैं|
3.  प्रेषक का नाम और उसका पदनाम पत्र के ऊपर बाएं तरफ लिखते हैं| 
4. प्रेषक के नीचे पाने वाले का नाम आदर के साथ लिखा जाता है|
5. आपका(भेजने वाला) पत्र के नीचे दाहिनी तरफ लिखते हैं। उसके नीचे हस्ताक्षर, नाम, पदनाम व विभाग लिखा जाता है।
6. पाने वाले का नाम पत्र के नीचे बाई तरफ लिखा जाता है। उसके नीचे उसका पदनाम तथा कार्यालय लिखते हैं।
7. अर्ध सरकारी पत्र आत्मीय शैली में लिखा जाता है।

Tar Lekhan

Tar Lekhan

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तार लेखन: तार की परिभाषा, तार का इतिहास, तार की विशेषता, तार का नमूना

यूपीपीसीएस के मुख्य परीक्षा तथा समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी के हिंदी के पेपर में, हिंदी के सिलेबस में अभी भी तार लेखन शामिल है। हालाकि तार लेखन का प्रचलन समाप्त हो गया है। तार लेखन की बात करें तो इसकी शुरुआत अंग्रेजों द्वारा 1854 में की गई थी। सरकार द्वारा 15 जुलाई 2013 से तार घरों को आधिकारिक तौर पर बंद कर दिया गया है। पत्र लेखन की यह विधा अब समाप्त हो गई है। अब इसका प्रयोग किसी भी कार्यालय या विभाग द्वारा नहीं किया जा रहा है। एक समय था जब यह संदेश भेजने का बहुत ही सरल और तीव्र तरीका था। लेकिन मोबाइल तथा टेलीफोन के आने के बाद इसकी उपयोगिता धीरे-धीरे समाप्त हो गई और अंत में सरकार द्वारा इसे बंद कर दिया गया। लेकिन अभी भी यह यूपीपीसीएस के सिलेबस में, समीक्षा अधिकारी के सिलेबस में मौजूद है इसलिए इसके बारे में जानना जरूरी है। वैसे इस पर प्रश्न तो अभी नहीं पूछे जा रहे हैं लेकिन पूछ भी सकते हैं। इसलिए तार लेखन के बारे में सामान्य जानकारी होनी चाहिए। इसका प्रारूप,इसकी विशेषताएं हमें पता होनी चाहिए। तार समाचार प्रेषण की एक द्रुतगामी व्यवस्था थी। इसके लिए तार घर बने होते थे। जैसे पोस्ट ऑफिस है वैसे ही तार घर थे। फिलहाल तार घरों को बंद कर दिया गया है। क्योंकि अब तार का प्रयोग नहीं किया जा रहा है। तार बहुत ही संक्षिप्त में भेजा जाता है। 



तार के प्रकार

तार मुख्यता पांच प्रकार के होते हैं
1. एसओएस (SOS)
2.  मोस्ट अर्जेंट
3.  इमीडिएट
4.  इंपॉर्टेंट
5.  एक्सप्रेस 

यह तार के महत्व के हिसाब से इसका वर्गीकरण किया गया है जो जितना महत्वपूर्ण है उसे उतना जल्दी भेजा जाता था।



तार लिखते समय ध्यान देने योग्य बातें


1. तार लेखन में पता कूट में लिखा जाता है।
2. तार के अंत में केवल पदनाम और कार्यालय का संक्षिप्त नाम रहता है।
3. तार के फार्म में नीचे खींची लाइन के बाद विस्तृत पता लिखते है। क्योंकि यह शब्द गिनती में नहीं लिए जाते तथा तार प्रेषण में पैसा कम खर्च होता है।
4. राजकीय तार सर्विस पर सर्विस स्टाफ लगता है।
5. तार की प्रतिलिपि सामान्य डाक द्वारा इसकी पुष्टि हेतु प्रेषित की जाती है 



                      तार का नमूना 

अभिलंब                                    राजकीय तार
जिलाधिकारी
प्रतापगढ़
           संदर्भ - इस कार्यालय का 20 जनवरी का पत्र। प्रत्युत्तर तुरंत दीजिए।
                                                मुख्य सचिव
 तार के लिए नहीं
 दिनाँक...........
 सं.................
                                               हस्ताक्षर
                                               क ख ग
                                               मुख्य सचिव
                                               उत्तर प्रदेश
        डाक- प्रतिपुष्टि के लिए प्रेषित



धन्यवाद

Paripatra Lekhan

Paripatra Lekhan

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                 परिपत्र (सर्कुलर)

परिपत्र सरकारी पत्राचार का ही एक प्रकार है| सरकार के कामकाज में इसका भी प्रयोग होता है| जब कोई पत्र अनेक विभागों को एक साथ भेजा जाता है तब वह परिपत्र कहलाता है| कभी-कभी प्रधान कार्यालय की ओर से अधीनस्थ कार्यालयों को परिपत्र भेजे जाते हैं| जब विषय एक हो, प्रेषक एक हो, लेकिन पाने वाले अनेक हो तब सरकारी पत्र ही परिपत्र बन जाते हैं। एक ही आदेश निर्देश अथवा सूचना का संबंध जब कई विभागों से रहता है तब सबको अलग-अलग पत्र ना भेजकर एक परिपत्र भेज दिया जाता है।




परिपत्र का प्रारूप एवं रचना शैली सरकारी पत्र जैसी होती है। दोनों में अनेक समानताएं होती हैं। इसे भेजते समय ऊपर सबसे बीच में परिपत्र लिखना आवश्यक है। यह संक्षिप्त एवं स्पष्ट होते हैं। इसे भेजने वाला एक होता है लेकिन पाने वाले अनेक होते हैं। यह एक व्यक्ति के लिए नहीं भेजा जाता बल्कि अनेक लोगों को भेजा जाता है।



परिपत्र का उदाहरण

                                परिपत्र
                           

प्रेषक,                                   प.सं. 12(प)2022
     सचिव                              खा. एवं आ. मंत्रालय
     खाद्य एवं आपूर्ति मं.           भारत सरकार
सेवा में,                                  नई दिल्ली, दि........
     समस्त राज्य सरकारें
     विषय- खाद्यानों की वसूली के संदर्भ में।
     महोदय,
            मुझे यह सूचित करने का निदेश हुआ है कि इस समय देश में खाद्यान्नों की बहुत कमी है। सूखे के कारण कई राज्यों में फसलें बर्बाद हो गई हैं। इस आपदा से निपटने के लिए सरकार ने निर्णय लिया है कि अन्नबहुल राज्यों की सरकार द्वारा अपने राज्य में खाद्यान्नों की वसूली की जाए। प्रत्येक राज्य के लिए निर्धारित खाद्यान्नों की मात्रा तथा उनके मूल्य आदि के बारे में विस्तृत सूचना शीघ्र भेज दी जाए।
            2. राज्य सरकारें इस संबंध में जो कार्यवाही करें उनका तथा खाद्यान्न वसूली की प्रगति का साप्ताहिक विवरण इस मंत्रालय को भेजते रहें।
                                                          भवदीय
                                                          हस्ताक्षर
                                                          अ ब स
                                               सचिव, ख.आ. मं.



परिपत्र लिखते समय बरती जाने वाली सावधानियां 

1. पत्र के बीच में सबसे ऊपर परिपत्र लिखा जाता है।
2. पत्रांक पत्र के सबसे ऊपर दाहिनी तरफ लिखते हैं। उसके नीचे मंत्रालय, स्थान और दिनांक लिखते हैं।
3. प्रेषक सबसे ऊपर बाएं तरफ लिखा जाता है उसके नीचे पदनाम तथा मंत्रालय या विभाग का नाम लिखते हैं।
4. एक बात एक पैराग्राफ में लिखा जाता है दूसरी बात लिखते समय दो नंबर लिखते हैं उसके बाद अपनी बात लिखते हैं।
5. प्रेषक के बाद अर्धविराम लगाया जाता है।
6. सेवा में लिखने के बाद अर्धविराम लगाते हैं।
7. महोदय लिखने के बाद भी अर्धविराम लगाते हैं।
8. भवदीय पत्र के नीचे दाहिनी तरफ लिखा जाता है। उसके नीचे संबंधित का हस्ताक्षर, पदनाम व विभाग लिखा जाता है।



Thank you

Karyalay Aadesh

Karyalay Aadesh

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कार्यालय आदेश (ऑफिस ऑर्डर)


कार्यालय आदेश किसी सरकारी विभाग अथवा किसी कार्यालय द्वारा अपने यहां कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों के लिए समय-समय पर जारी किए गए आदेशों की सूचना होती है। इसका दायरा सीमित होता है। इसका संबंध कार्यालय के सभी, कुछ या किसी एक कर्मचारी से हो सकता है। इसके अंतर्गत प्रायः निम्नलिखित सूचनाएं रहती हैं।
      कार्यालय द्वारा बनाए गए नए नियमों की जानकारी, कार्यालय में सृजित किए गए नए पदों की जानकारी, एक अनुभाग से दूसरे अनुभाग में किए गए स्थानांतरण की सूचना, कुछ कर्मचारियों द्वारा मांगे गए दीर्घ अवकाश की जानकारी, कुछ कर्मचारियों द्वारा अपने भविष्य निधि (जीपीएफ) से मांगे गए ऋण से संबंधित अग्रिम सूचना, किसी या कुछ कर्मचारियों को चेतावनी।



       कार्यालय आदेश का प्रारूप सीधा-सादा होता है। इसमें तकनीकी जटिलता नहीं होती एवं स्पष्ट शब्दों में यह लिखा जाता है। कार्यालय आदेश में संबोधन, विषय, अधोलेख (भवदीय, आपका) आदि नहीं लिखे जाते। 



कार्यालय आदेश का उदाहरण

                  लोक सेवा आयोग उत्तर प्रदेश
                  संख्या लो. से. आ. 5/16-22
                  प्रयागराज, दिनांक.............
                  
                          कार्यालय आदेश
                          
     एतद द्वारा सूचित किया जाता है कि सम्मिलित राज्य प्रवर अधीनस्थ सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा 2023 रविवार दिनांक........ को आयोजित हो रही है। परीक्षा की समुचित व्यवस्था के लिए कार्यालय के समस्त कर्मचारियों को इस कार्य से संबद्ध किया जाता है।
     2. प्रत्येक कर्मचारी को उसके कार्य विषयक सूचना परीक्षा अनुभाग द्वारा यथा समय उपलब्ध करा दी जाएगी।
                                                  आज्ञा से
                                                   हस्ताक्षर
                                                  (अ ब स)
                                              सचिव लो.से.आ
                                                  प्रयागराज




कार्यालय आदेश का प्रारूप

                   विभाग/कार्यालय का नाम.....
                   पत्र संख्या........................
                   स्थान, दिनांक...................
                   
                            कार्यालय आदेश

    एतद द्वारा सूचित किया जाता है कि ............ ................................................................................................।         2.................................................................................................................।

                                                  आज्ञा से
                                                   हस्ताक्षर
                                                   पदनाम...
                                                    विभाग....



कार्यालय आदेश लिखते समय बरती जाने वाली सावधानियां

1. कार्यालय आदेश में कार्यालय या विभाग का नाम सबसे ऊपर बीच में लिखा जाता है।


2. कार्यालय के नीचे पत्रांक लिखते हैं।


3. पत्रांक के नीचे स्थान और स्थान के बाद अर्धविराम लगाते हैं और फिर दिनांक लिखते हैं।


4. पत्र के बीच में कार्यालय आदेश लिखा जाता है।


5. कार्यालय आदेश बहुत ही स्पष्ट, संक्षिप्त और सीधा सादा होता है।


6. सबसे नीचे दाएं तरफ आज्ञा से लिखा जाता है। उसके नीचे संबंधित का हस्ताक्षर, उसका पदनाम, विभागीय/कार्यालय लिखा जाता है।



धन्यवाद                                                  

Notification, Adhi soochna, Vigyapti

Notification, Adhi soochna, Vigyapti

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अधिसूचना/विज्ञप्ति(नोटिफिकेशन

यह कार्यालय आलेखन का एक विशिष्ट रूप है। विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा इसका प्रयोग किया जाता है। इसमें अनेक तरह की सरकारी सूचनाएं रहती हैं। सरकार के आदेशों, नियुक्तियों, पुनः नियुक्तियों, प्रतिनियुक्तियों, सेवावृत, स्थानांतरण, सेवानिवृत्त, निधन आदि की सरकारी सूचना को अधिसूचना या विज्ञप्ति कहा जाता है। यह संबंधित विभागों और व्यक्तियों को भेजी जाती है। साथ ही सरकार के गजट में भी छपती है। यह सूचना वास्तव में राष्ट्रपति अथवा राज्यपाल की ओर से जारी की गई मानी जाती हैं। इसलिए इसमें प्रेषक का उल्लेख नहीं रहता। विषय, संबोधन अथवा अधोलेख आदि भी नहीं रहते हैं। इसमें भवदीय न लिखकर संबंधित अधिकारी का हस्ताक्षर और उसी के नीचे पदनाम लिखा जाता है। अधिसूचना की एक प्रति अनिवार्य रूप से निदेशक मुद्रण एवं लेखन सामग्री तो गजट में छपने के लिए भेजी जाती है।



अधिसूचना या विज्ञप्ति का उदाहरण

                   गृह मंत्रालय, भारत सरकार
                   नियुक्ति अनुभाग - 1
                   संख्या -24/32 2022 (अ)
                   नई दिल्ली, दिनाँक...........

                                विज्ञप्ति

          अवकाश की अवधि समाप्त होने पर श्री अ०ब०स० संयुक्त सचिव की सेवाएं दिनांक......... से स्वास्थ्य मंत्रालय को सौंप दी गई है।
                                                       हस्ताक्षर
                                                       च छ ज
                                                    प्रमुख सचिव,
                                                    गृह मंत्रालय
पृष्ठांकन व दिनांक उपर्युक्त
प्रतिलिपि निम्नलिखित को सूचनार्थ
एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित
1. स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार, नई दिल्ली 
2. श्री अ ब स संयुक्त सचिव, गृह मंत्रालय भारत सरकार 
3. निदेशक मुद्रण एवं लेखन सामग्री, नई दिल्ली को इस अनुरोध के साथ कि इसे आगामी गजट के हिंदी संस्करण में प्रकाशित किया जाए।
4. गाड फाइल
                                                     हस्ताक्षर
                                                     प्रमुख सचिव,
                                                     गृह मंत्रालय   
                              



अधिसूचना या विज्ञप्ति लिखते समय बरती जाने वाली सावधानियां

1. अधिसूचना लिखते समय मंत्रालय या विभाग या कार्यालय का नाम पत्र के सबसे ऊपर बीच में लिखा जाता है। उसके नीचे पत्र संख्या स्थान तथा दिनांक लिखते हैं।


2. स्थान के बाद अर्धविराम लगाते हैं फिर दिनांक लिखते हैं। 


3. इसके पश्चात पत्र के बीचो बीच विज्ञप्ति लिखा जाता है। उसके बाद मुख्य अंश बिना किसी संबोधन के, प्रेषक के, विषय के लिखा जाता है।


4. नीचे दाएं तरफ भेजने वाले का हस्ताक्षर उसका पदनाम तथा विभाग का नाम रहता है।



विज्ञप्ति का प्रारुप

                    कार्यालय का नाम.....
                    पत्र संख्या..............
                    स्थान......, दिनांक...
                           
                          विज्ञप्ति

      ...................................................

........................................................

..............। 

                                  हस्ताक्षर.........
                                  अ ब स..........
                                  पदनाम..........
                                   विभाग..........
पृष्ठांकन............
प्रतिलिपि निम्नलिखित को सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित
1......................
2.....................
3.....................
4. निदेशक मुद्रण एवं लेखन सामग्री....
5. गाड फ़ाइल
                                    हस्ताक्षर........
                                    अ ब स.........
                                    पदनाम.........
                                    विभाग.........



Gyanalay Presents Hindi For UPPSC Mains, RO ARO Exam 

Karyalay Gyap, Gyapan, Memorandum, Gyanalay

Karyalay Gyap, Gyapan, Memorandum, Gyanalay

Gyanalay Guru

कार्यालय ज्ञाप या ज्ञापन

सरकार के विभिन्न मंत्रालयों विभागों के बीच आपस में सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए जो औपचारिक पत्र व्यवहार होते हैं उन्हें कार्यालय ज्ञाप अथवा ज्ञापन कहा जाता है। आलेखन का यह रूप भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के बीच अधिक प्रचलित है। राज्य सरकारें भी कभी-कभी इनका प्रयोग करती हैं। वास्तव में सरकारी विभागों को परस्पर कई तरह की सूचनाएं लेनी देनी होती है, कुछ बातें पूछनी और कुछ बतानी होती हैं, उनके बीच आपस में सुझावों के आदान-प्रदान भी होते रहते हैं इसके लिए कार्यालय ज्ञाप का प्रयोग किया जाता है।
कार्यालय ज्ञाप का प्रयोग निम्नलिखित स्थितियों में होता है। कर्मचारियों से प्राप्त प्रार्थना पत्रों, आवेदन पत्रों आदि का उत्तर देने के लिए किसी नियम या निर्देश पर चर्चा करने के लिए। कार्यालय ज्ञाप की भाषा आदेशात्मक नहीं होती है। कार्यालय ज्ञाप की रचना शैली अधिसूचना जैसी होती है। अर्थात इसमें भी सबसे ऊपर बीच में मंत्रालय या विभाग का नाम लिखा जाता है। इसके नीचे ज्ञाप की संख्या डाली जाती है, इसके ठीक नीचे अर्थात तीसरी पंक्ति में स्थान व दिनांक लिखा जाता है।



कार्यालय ज्ञाप का उदाहरण

                       गृह मंत्रालय भारत सरकार
                       राजभाषा विभाग
                       संख्या 12/289 2022-23
                       नई दिल्ली, दिनाँक..........

                               कार्यालय ज्ञाप

     विषय- उत्पादों पर राजभाषा हिंदी का प्रयोग।

          केंद्र सरकार के उद्यमों द्वारा अनेक प्रकार के उत्पाद तैयार किए जाते हैं। यह देखा गया है कि उनके विवरण प्रायः अंग्रेजी में ही दिए रहते हैं। ऐसा करना सरकार की राजभाषा नीति के विरुद्ध है।
          2. वित्त मंत्रालय से अनुरोध है कि वह अपने नियंत्रण में आने वाले निगमों तथा कंपनियों को निर्देशित करें कि भविष्य में उनके द्वारा निर्मित उत्पादों पर विवरण अंग्रेजी के साथ ही हिंदी में दिए जाएं।
          3. इस संबंध में जारी किए गए आदेश की एक प्रति इस विभाग को भी सूचनार्थ भेजी जाए।

सेवा में,                                          हस्ताक्षर
     वित्त मंत्रालय                              अ ब स
     भारत सरकार,              सचिव, राजभाषा विभाग
     नई दिल्ली 



Gyanalay Hindi For UPPCS, MPPCS Mains, RO ARO Exam  

Anusmarak, Smaran Patra, Reminder, Gyanalay

Anusmarak, Smaran Patra, Reminder, Gyanalay

Gyanalay Guru

अनुस्मारक/स्मरण पत्र/रिमाइंडर



अनुस्मारक को कहीं-कहीं स्मरण पत्र भी कहा गया है। अन्य कार्यालय आलेखन की तरह इसका प्रयोग भी सरकारी कामों में होता है| किसी विभाग द्वारा दूसरे विभाग को भेजे गए पत्र का उत्तर मिलने में देरी हो और आवश्यक कार्य रुका हुआ हो तो उस संदर्भ की याद दिलाते हुए जो पत्र भेजा जाता है उसे अनुस्मारक कहते हैं। यह सामान्य आलेखन है। इसका प्रयोग कभी-कभी होता है। इसकी अपनी कोई विशेषता नहीं होती। इसका आलेख सरल और संक्षिप्त होता है| विशेष बात यह है कि सरकारी और अर्ध सरकारी पत्रों के संदर्भ में ही अनुस्मारक भेजा जाता है| अधिसूचना, परिपत्र या कार्यालय आदेश के संदर्भ में अनुस्मारक नहीं भेजा जाता| दूसरी बात यह है जिस रूप में (सरकारी/अर्द्ध सरकारी) पहले का पत्र भेजा गया है, अनुस्मारक उसी के प्रारूप में भेजा जाता है| एक विभाग द्वारा दूसरे विभाग को, प्रमुख कार्यालय द्वारा अधीनस्थ कार्यालयों को भेजे गए पत्र का उत्तर न मिलने पर पत्र भेजने वाला विभाग अनुस्मारक का प्रयोग करता है| इसका उद्देश्य होता है - उत्तर शीघ्र मंगाना| जिसमें पिछले पत्र का संदर्भ अवश्य होता है| 



अनुस्मारक का उदाहरण

                                      अनु० सं०...............
                                      विभाग/कार्यालय......
प्रेषक,                              स्थान......, दिनाँक...
    सचिव
    विभाग
सेवा में,
    सचिव
    पता..
 विषय..........................................................।
    महोदय,
           इस विभाग द्वारा भेजे गए पत्र  संख्या.... दिनांक..... की ओर आपका ध्यान आकृष्ट कराते हुए मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि इस संबंध में अपनी स्वीकृति यथाशीघ्र भेजें।

                                                         भवदीय
                                                         हस्ताक्षर
                                                        (क ख ग)
                                                          सचिव



Gyanalay Hindi Patra Lekhan UPPCS Mains, RO ARO Exam

By-election Adhisuchna Lekhan

By-election Adhisuchna Lekhan

Gyanalay Guru

संदर्भ - उप चुनाव की घोषणा से संबंधित अधिसूचना कैसे लिखें



                           चुनाव आयोग, भारत सरकार
                           वि०संख्या - 26/अ 2022
                           नई दिल्ली, दिनाँक............

                                     अधिसूचना

        श्री अ ब स विधायक, विधानसभा रामपुर, जिला बस्ती, उत्तर प्रदेश के त्याग पत्र देने के कारण रिक्त सीट पर विधानसभा के उप चुनाव हेतु दिनांक...... की तिथि निर्धारित करने की अधिसूचना जारी की जाती है।

पृष्ठांकन व दिनाँक उपर्युक्त                   हस्ताक्षर
प्रतिलिपि निम्नलिखित को                   च छ ज
सूचनार्थ एवं आवश्यक             मुख्य चुनाव आयुक्त
कार्यवाही हेतु प्रेषित
1..................................
2.................................
3.................................
4. निदेशक, मुद्रण एवं लेखन सामग्री...
5. गाड फ़ाइल
                                                      हस्ताक्षर
                                                      च छ ज
                                           मुख्य चुनाव आयुक्त
                                                    नई दिल्ली



Gyanalay Hindi Patra Lekhan UPPCS Mains, RO ARO Exam

Prativedan Lekhan Gyanalay

Prativedan Lekhan Gyanalay

Gyanalay Guru

प्रतिवेदन (रिपोर्ट)

किसी विशेष घटना प्रसंग या विषय के प्रमुख कार्यों के क्रमबद्ध और संक्षिप्त विवरण को प्रतिवेदन कहते हैं। इससे किसी कार्य की स्थिति और प्रगति की सूचना मिलती है।



प्रतिवेदन की विशेषताएं

1. प्रतिवेदन में किसी घटना या प्रसंग की मुख्य मुख्य बातें लिखी जाती हैं।
2. प्रतिवेदन में बातें एक क्रम में लिखी जाती हैं।
3. सारी बातें सरल और स्पष्ट होती हैं।
4. प्रतिवेदन संक्षेप में लिखा जाता है।
5. प्रतिवेदन सच्ची बातों का विवरण होता है। इसमें पक्षपात कल्पना या भावना के लिए कोई स्थान नहीं होता है। 
6. प्रतिवेदन में लेखक या प्रतिवेदक की प्रतिक्रिया या धारणा व्यक्त नहीं की जाती।
7. प्रतिवेदन की भाषा साहित्यिक नहीं होती। यह सरल और रोचक होती है।
8. प्रतिवेदन किसी घटना या विषय की साफ और सजीव तस्वीर सुनने या पढ़ने वाले के मन पर खींच देती है।



प्रतिवेदन का उद्देश्य

 प्रतिवेदन का उद्देश्य बीते हुए समय के विशेष अनुभव का संक्षिप्त संग्रह करना है ताकि आगे किसी तरह की भूल या भ्रम न होने पाए। प्रतिवेदन में उसी कठोर सत्य की चर्चा रहती है, जिसका अच्छा या बुरा अनुभव हुआ है। प्रतिवेदन का दूसरा लक्ष्य भूतकाल को वर्तमान से जुड़ना भी है। 



प्रतिवेदन के प्रकार

प्रतिवेदन मुख्यता तीन प्रकार के होते हैं

1. व्यक्तिगत प्रतिवेदन
2. संगठनात्मक प्रतिवेदन
3. विवरणात्मक प्रतिवेदन 



व्यक्तिगत प्रतिवेदन

इस प्रकार के प्रतिवेदन में व्यक्ति अपने जीवन के किसी संबंध में अथवा विद्यार्थी जीवन पर प्रतिवेदन लिखता है।

एक उदाहरण

12/11/2022
सुबह 5:00 बजे उठा। नित्य क्रिया-कर्म कर 7:00 बजे पढ़ने बैठा। अचानक सिर में दर्द हुआ, बिस्तर पर लेट गया। आंखें बंद कर ली नींद आ गई। एक दिन 1 घंटे बाद जगा पर दर्द बना रहा। डॉक्टर के पास गया। दवा लेकर घर लौटा। दवा खाकर फिर लेट गया। दर्द दूर हो गया। 10:00 बजे भोजन किया और स्कूल के लिए चल पड़ा। 12:00 बजे दोपहर में फिर सिर दर्द हुआ। छुट्टी लेकर घर लौट आया। सारा दिन इसी प्रकार कटा।

अ ब स
कक्षा 11 (ब)
ज्ञानालय



संगठनात्मक प्रतिवेदन

इस प्रकार के प्रतिवेदन में किसी संस्था, सभा या बैठक इत्यादि का विवरण दिया जाता है। 

स्कूल का वार्षिकोत्सव ; प्रतिवेदन 

यह स्कूल सन 1950 में स्थापित ........................................
.............................. इस विवरण से स्पष्ट है कि यह स्कूल हर दिशा में विकास कर रहा है।
शिक्षा विभाग के निरीक्षक ने भी इसकी सराहना की है।

दिनांक : 12/11/2022
ज्ञानालय गुरु
प्रधानाध्यापक
ज्ञानालय



विवरणात्मक प्रतिवेदन 

इस प्रकार की प्रतिवेदन में किसी मेले, यात्रा, पिकनिक, सभा या रैली इत्यादि का विवरण तैयार किया जाता है।

मेला : प्रतिवेदन 

भारत का सबसे बड़ा मेला............................. .............................................................

................. सारा दृश्य मनमोहक था।
पूर्णिमा के दूसरे दिन मैं घर लौट आया।
दिनांक..........
अ ब स.........



    UPPCS प्रतिवेदन का उदाहरण           

संदर्भ: निदेशक जल संस्थान लखनऊ को लगातार शिकायत मिल रही है कि विगत कुछ वर्षों से कार्यालय में जरूरी सामानों की खरीद में अनियमितता बरती जा रही है। नियमों की अवहेलना करके सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है। संस्थान के निदेशक द्वारा इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए श्री क ख ग वरिष्ठ लेखा परीक्षक की अध्यक्षता में एक जांच समिति गठित करके यह निदेशित किया है कि एक सप्ताह के भीतर अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करें।

                                 प्रतिवेदन 
      श्री क ख ग की अध्यक्षता में गठित जांच समिति ने कुल 3 बैठकें की। बैठकों में सभी नामित सदस्य उपस्थित रहे। समिति ने सबसे पहले वर्तमान स्थिति का आकलन किया। यह देखा गया कि इस समय कार्यालय में कितनी सामग्री उपलब्ध है। इसके बाद  रसीदों, बिलों और वाउचर्स से यह जानकारी ली गई की पिछले वित्तीय वर्ष में कितनी धनराशि की और क्या सामग्री खरीदी गई।                            
       जांच में यह तथ्य सामने आया है कि लगभग 80% सामग्री कार्यालय में आई ही नहीं केवल बिलें, और रसीदें ही आई। कुछ फर्जी रसीदें भी संलग्न की गई हैं। इसके अलावा अधिक रेट पर कोटेशन देने वाले सप्लायर को सामान सप्लाई के आदेश दिए गए, कम रेट देने वालों की उपेक्षा की गई।
       साक्ष्य और तथ्यों की जांच पड़ताल से यह निष्कर्ष निकलता है कि इस हेराफेरी में वर्तमान कार्यालय सहायक अ ब स संलिप्त रहे हैं।
       निदेशक महोदय जो कार्यवाही करना चाहे।
                                                   प्रतिवेदक
                                                   हस्ताक्षर
                                                   क ख ग
                                       अध्यक्ष जांच समिति



प्रतिवेदन का प्रारूप

                          प्रतिवेदन

      श्री क ख ग की अध्यक्षता में ..................................................................
........................................।
      जांच..........................................................
........................................।
                                                प्रतिवेदक
                                                हस्ताक्षर..
                                                 ...........



Gyanalay Hindi UPPCS, RO ARO

EMRS PGT Exam 2024 Pattern And Syllabus

EMRS PGT Exam 2024 Pattern And Syllabus

Gyanalay Guru

इस ब्लॉग में हम Gyanalay के माध्यम से EMRS (Eklavya Model Residential Schools) PGT (Post Graduate Teacher) Exam Pattern और Syllabus के बारे में जानेंगे। EMRS PGT का यह पैटर्न और सिलेबस EMRS नॉटिफ़िकेशन 2023 पर आधारित है ।



EMRS PGT Exam के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी

1. परीक्षा मोड : ऑफ लाइन ( OMR Based )
2. प्रश्नों की संख्या : 150
3. प्रश्न प्रकार : बहुविकल्पीय (MCQ)
4. कुल अंक : 150
5. समय अवधि :  180 मिनट (3 घंटे)
6. 0.25 निगेटिव मार्किंग


विषयवार प्रश्न विभाजन : 

  • सामान्य अंग्रेजी : 10 प्रश्न (क्वालिफ़ाइंग 40%)
  • सामान्य हिंदी : 10 प्रश्न (क्वालिफ़ाइंग 40%)
  • सामान्य ज्ञान और करंट अफेयर्स :  10 प्रश्न
  • रीजनिंग और नुमेरिकल एबिलिटी : 20 प्रश्न
  • कंप्यूटर ICT : 10 प्रश्न
  • टीचिंग एप्टीट्यूड : 10 प्रश्न
  • विषय संबंधित प्रश्न : 80 प्रश्न (संबंधित विषय = 70 प्रश्न + पेडागॉजी = 5 प्रश्न + NEP 2020 = 5 प्रश्न)

भाषा का सेक्शन क्वालिफ़ाइंग है । हिन्दी और अंग्रेज़ी में अलग अलग कम से कम 40 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य है । भाषा का अंक कट ऑफ़ में नहीं जुड़ेगा। अतः आपकी मेरिट 130 अंक में बनेगी।



EMRS (Eklavya Model Residential Schools) PGT (Post Graduate Teacher) परीक्षा का सिलेबस निम्नलिखित है:

1. सामान्य अंग्रेजी (General English)

- Vocabulary (शब्दावली)
- Grammar (व्याकरण)
- Sentence Structure (वाक्य संरचना)
- Synonyms (पर्यायवाची)
- Antonyms (विलोम)
- Reading Comprehension (पढ़ने की समझ)


2. सामान्य हिंदी (General Hindi)
- शब्दावली (Vocabulary)
- व्याकरण (Grammar)
- वाक्य संरचना (Sentence Structure)
- पर्यायवाची शब्द (Synonyms)
- विलोम शब्द (Antonyms)
- गद्यांश (Reading Comprehension)


3. सामान्य ज्ञान और करंट अफेयर्स (General Knowledge and Current Affairs)

- भारत और विश्व का सामान्य ज्ञान (General Knowledge of India and the World)
- करंट अफेयर्स (Current Affairs)
- महत्वपूर्ण दिन (Important Days)
- पुरस्कार और सम्मान (Awards and Honours)
- खेलकूद (Sports)
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी (Science and Technology)

4. रीजनिंग और नुमेरिकल एबिलिटी (Reasoning and Numerical Ability)

- Verbal and Non-Verbal Reasoning (मौखिक और अमौखिक तर्क)
- Analogies (समानताएँ)
- Coding-Decoding (कोडिंग-डिकोडिंग)
- Series (श्रृंखला)
- Puzzles (पहेलियाँ)
- Data Interpretation (आँकड़ा व्याख्या)
- Basic Arithmetic (मूल अंकगणित)

5. टीचिंग एप्टीट्यूड/पेडागॉजी (Teaching Aptitude/Pedagogy)

- Teaching Methods and Techniques (शिक्षण विधियाँ और तकनीक)
- Educational Psychology (शैक्षिक मनोविज्ञान)
- Child Development and Pedagogy (बाल विकास और पेडागॉजी)
- Learning and Teaching (सीखना और सिखाना)
- Evaluation and Assessment (मूल्यांकन और आकलन)

6. विषय संबंधित प्रश्न (Subject-Specific Questions)

इस खंड में उस विषय के सवाल शामिल होंगे जिसमें उम्मीदवार ने स्नातकोत्तर (Post Graduation) किया है और जिसके लिए वह आवेदन कर रहा है। इसमें निम्नलिखित विषय शामिल हो सकते हैं:
- गणित (Mathematics)
- भौतिकी (Physics)
- रसायन विज्ञान (Chemistry)
- जीवविज्ञान (Biology)
- इतिहास (History)
- भूगोल (Geography)
- राजनीति विज्ञान (Political Science)
- अर्थशास्त्र (Economics)
- अंग्रेजी (English)
- हिंदी (Hindi)
- अन्य संबंधित विषय

EMRS PGT Exam से संबंधित वीडियो देखने के लिए ClickHere



#EMRS #PGT EMRS PGT Exam Syllabus EMRS PGT Exam Pattern Gyanalay 

10 Tourist Places in Lakshadweep

10 Tourist Places in Lakshadweep

Gyanalay Guru

10 Tourist Places in Lakshadweep 

1. Kavaratti - The main island in Lakshadweep known for its blue waters.


2. Agatti - A beautiful atoll famous for snorkeling and scuba diving.


3. Kalpeni - A serene island known for its peaceful ambiance.


4. Amini - An excellent place to enjoy the beauty of marine life.


5. Bangaram - A large lagoon and beautiful coastline for tranquil moments.


6. Kiltan - Famous for its stunning seashore and reefs.


7. Chetlat - A naturally beautiful island known for its tranquility.


8. Kalapeni - A historical colonial jail and a coastal delight.


9. Agatti - An exceptional place to explore reefs and marine life.


10. Kadmat - A small island renowned for its peace and natural beauty.

Tourist Places in Lakshadweep 

interesting Facts about Lakshadweep 

#Gyanalay 

6 Tips To Crack Any Competitive Exam

6 Tips To Crack Any Competitive Exam

Manoj Kumar

प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के लिए रणनीतियाँ: सफल होने के टिप्स

प्रतिस्पर्धी परीक्षाएँ न केवल छात्रों के ज्ञान का परीक्षण करती हैं, बल्कि उनके धैर्य, समय प्रबंधन, और रणनीतिक सोच को भी परखती हैं। सही रणनीतियाँ अपनाकर आप इन परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। यहाँ हम Gyanalay के माध्यम से कुछ महत्वपूर्ण रणनीतियों की चर्चा करेंगे जो आपकी सफलता की राह को आसान बना सकती हैं।


1. समय प्रबंधन

प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में समय प्रबंधन का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। समय का सही प्रबंधन करने के लिए निम्नलिखित टिप्स अपनाएँ:

    •    समय सारणी बनाएं: प्रत्येक विषय के लिए एक समय सारणी बनाएं और उसके अनुसार अध्ययन करें।
    •    प्राथमिकता दें: कठिन विषयों को पहले और आसान विषयों को बाद में पढ़ें।
    •    ब्रेक लें: लंबे समय तक पढ़ाई करने के बाद थोड़ी देर का ब्रेक लें ताकि मानसिक थकान दूर हो सके।



2. अध्ययन सामग्री का चयन

अच्छी अध्ययन सामग्री का चयन आपकी तैयारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

    •    मानक पुस्तकों का अध्ययन करें: एनसीईआरटी जैसी मानक पुस्तकों से शुरुआत करें।
    •    ऑनलाइन संसाधनों का उपयोग: विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर उपलब्ध वीडियो लेक्चर, ई-बुक्स और टेस्ट सीरीज का उपयोग करें।
    •    नोट्स बनाएं: संक्षिप्त और स्पष्ट नोट्स बनाएं जो रिवीजन के समय काम आएं।



3. मॉक टेस्ट और पिछले साल के प्रश्न पत्र

मॉक टेस्ट और पिछले साल के प्रश्न पत्र हल करना सफलता की कुंजी हो सकता है।

    •    मॉक टेस्ट: नियमित अंतराल पर मॉक टेस्ट दें ताकि आपकी गति और सटीकता बढ़ सके।
    •    विश्लेषण: मॉक टेस्ट के बाद अपनी गलतियों का विश्लेषण करें और उन पर काम करें।
    •    पिछले साल के प्रश्न पत्र: पिछले साल के प्रश्न पत्र हल करने से आपको परीक्षा के पैटर्न और कठिनाई स्तर का अंदाजा होगा।



4. स्व-विश्लेषण

स्व-विश्लेषण से आप अपनी कमजोरियों और मजबूतियों को पहचान सकते हैं।

    •    स्व-मूल्यांकन: प्रत्येक अध्ययन सत्र के बाद खुद का मूल्यांकन करें।
    •    फीडबैक लें: अपने शिक्षकों या दोस्तों से फीडबैक लें और उसमें सुधार करें।
    •    स्वतंत्र अध्ययन: स्वतंत्र रूप से अध्ययन करें और आत्मनिर्भर बनें।


5. मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य

अच्छी तैयारी के लिए मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना आवश्यक है।

    •    योग और ध्यान: प्रतिदिन योग और ध्यान करें ताकि मानसिक तनाव कम हो।
    •    स्वास्थ्यकर आहार: संतुलित और स्वास्थ्यकर आहार लें।
    •    नींद: पर्याप्त नींद लें ताकि आपका मस्तिष्क तरोताजा रहे।



6. सकारात्मक सोच

परीक्षा के दौरान सकारात्मक सोच बनाए रखना महत्वपूर्ण है।

    •    आत्मविश्वास: आत्मविश्वास बनाए रखें और अपनी क्षमताओं पर विश्वास करें।
    •    मोटिवेशनल वीडियो: मोटिवेशनल वीडियो और किताबें पढ़ें।
    •    समर्थन प्रणाली: अपने परिवार और दोस्तों का समर्थन प्राप्त करें।



निष्कर्ष

प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में सफलता पाने के लिए एक संगठित और अनुशासित दृष्टिकोण आवश्यक है। उपरोक्त रणनीतियों का पालन करके आप अपनी तैयारी को बेहतर बना सकते हैं और सफलता की ओर एक कदम और बढ़ा सकते हैं। मेहनत, धैर्य, और सही रणनीति से आप किसी भी परीक्षा में सफल हो सकते हैं।

आशा है कि ये टिप्स आपकी तैयारी में सहायक सिद्ध होंगे। शुभकामनाएँ!



Gyanalay ज्ञानालय Gyanalaya Exam Strategy Exam Tips Exam Preparation How to crack How to clear 

EMRS TGT Exam Pattern And Syllabus

EMRS TGT Exam Pattern And Syllabus

Manoj Kumar

इस ब्लॉग में हम Gyanalay के माध्यम से EMRS TGT Exam पैटर्न और सिलेबस की चर्चा करेंगे। 

NESTS द्वारा प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) पद के लिए आयोजित की जाने वाली EMRS टीजीटी परीक्षा, योग्य शिक्षकों को नियुक्त करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह परीक्षा देशभर में आदिवासी छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से आयोजित की जाती है। ईएमआरएस टीजीटी परीक्षा का मुख्य उद्देश्य ऐसे शिक्षकों की भर्ती करना है जो छात्रों को प्रभावी ढंग से शिक्षित कर सकें और उनके सर्वांगीण विकास में योगदान दे सकें। इस परीक्षा के माध्यम से चुने गए उम्मीदवारों को गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, भाषा और अन्य विषयों की शिक्षा देने का अवसर प्राप्त होगा। ईएमआरएस टीजीटी परीक्षा 2024 में भाग लेने के लिए उम्मीदवारों को कुछ महत्वपूर्ण अर्हताएं पूरी करनी होती हैं, जिनमें शैक्षणिक योग्यता, आयु सीमा और अन्य मानदंड शामिल हैं। इस परीक्षा की प्रक्रिया में लिखित परीक्षा शामिल होते हैं, जिसके माध्यम से उम्मीदवारों की ज्ञान और शिक्षण क्षमता का मूल्यांकन किया जाता है।



EMRS TGT Exam Pattern 2024

EMRS TGT Exam 2024 का पैटर्न इस प्रकार है कि यह उम्मीदवारों के विषय ज्ञान, शिक्षण योग्यता, और सामान्य जागरूकता का समग्र मूल्यांकन करता है। परीक्षा का पैटर्न निम्नलिखित बिंदुओं में विभाजित किया जा सकता है:

परीक्षा का प्रकार: परीक्षा वस्तुनिष्ठ प्रकार (MCQ) की होगी।

परीक्षा का माध्यम: परीक्षा का प्रश्न पत्र हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में उपलब्ध होगा।

प्रश्न पत्र का विभाजन: प्रश्न पत्र मुख्य रूप से छ खंडों में विभाजित होगा:

प्रश्नों की संख्या और अंक: परीक्षा में कुल 150 प्रश्न होंगे, और प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का होगा, यानी कुल अंक 150 होंगे।

 क्रमांक              विषय                 प्रश्न               अंक
    1.        सामान्य जागरूकता          10.                10
    2.               रीजनिंग                 10.                10
    3.            ICT कंप्यूटर               10                 10
    4.          टीचिंग एप्टीट्यूड           10.                 10
    5.             डोमेन ज्ञान               80.                80
    [A. विषय विशेष  = 65 B. अनुभव आधारित/केस स्टडी =10
    C. NEP 2020 और खेलों इंडिया फिट इंडिया = 5]
                      कुल                    120.              120
                      
    6.              भाषा                      30.               30
                 सामान्य हिंदी                10.               10
                सामान्य अंग्रेज़ी               10.               10
            कोई एक क्षेत्रीय भाषा           10.               10

उपरोक्त 120 अंकों में आपकी मेरिट बनेगी। लेकिन भाषा दक्षता में क्वालीफाई करना अनिवार्य है। तीनों भाषाओं में अलग अलग 40% अंक लाना अनिवार्य है। NESTS द्वारा जारी किए गए किसी भी एक क्षेत्रीय भाषा चयन अभ्यर्थी द्वारा स्वयं किया जाएगा।

समय अवधि: परीक्षा की कुल समय अवधि 3 घंटे (180 मिनट) होगी।

नेगेटिव मार्किंग: गलत उत्तरों के लिए 0.25 अंक का नकारात्मक अंकन (Negative Marking) होगी।

पेपर ऑफ लाइन होगा।



 EMRS TGT Salary जानने के लिए ClickHere



EMRS TGT Exam Syllabus 

EMRS TGT Exam 2024 के सिलेबस को छ प्रमुख खंडों में विभाजित किया गया है। प्रत्येक खंड के अंतर्गत आने वाले महत्वपूर्ण विषय निम्नलिखित हैं:

1. भाषा दक्षता 

A. सामान्य अंग्रेजी:

Verb
Tenses 
Voice 
Subject Verb Agreement 
Articles 
Comprehension 
Fill in the Blank 
Adverb
Error Correction 
Sentence Rearrangement 
Unseen Passages 
Vocabulary 
Antonyms 
Synonyms 
Grammar 
Idioms and Phrases 

B. सामान्य हिंदी:

संधि
समास
विलोम शब्द 
पर्यायवाची शब्द 
सामान्य अशुद्धियाँ
वाक्यांशों के लिए एक शब्द
मुहावरे और लोकोक्तियां
अपठित गद्यांश

C. क्षेत्रीय भाषा: 

Basic Grammar 
Synonyms 
Antonyms 
One Word Substitution 
Error Detection 
Spelling Error 



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2. सामान्य जागरूकता

इस खंड में सामान्य ज्ञान और करंट अफेयर्स से संबंधित प्रश्न होंगे। शिक्षा के क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

मुख्य विषय:

भारतीय इतिहास (Indian History)
भारतीय भूगोल (Indian Geography)
भारतीय संविधान (Indian Constitution)
विज्ञान और प्रौद्योगिकी (Science and Technology)
वर्तमान घटनाएँ (Current Affairs)
महत्वपूर्ण पुस्तकें और लेखक (Important Books and Authors)
पुरस्कार और सम्मान (Awards and Honors)
खेल (Sports)
राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठन (National and International Organizations)



3. तर्क शक्ति

पहेलियाँ और बैठने की व्यवस्था
डेटा पर्याप्तता
कथन आधारित प्रश्न (मौखिक तर्क)
असमानता
रक्त संबंध
अनुक्रम और श्रृंखला
दिशा परीक्षण
अभिकथन और कारण
वेन आरेख



4. ICT Computer 

कंप्यूटर सिस्टम के मूल सिद्धांत
ऑपरेटिंग सिस्टम की मूल बातें
एमएस ऑफिस
कीबोर्ड शॉर्टकट और उनके उपयोग
महत्वपूर्ण कंप्यूटर शब्द और संक्षेप
कंप्यूटर नेटवर्क
साइबर सुरक्षा और इंटरनेट



5. शिक्षण योग्यता

शिक्षण-प्रकृति, विशेषताएँ, उद्देश्य एवं आधारभूत आवश्यकताएँ
शिक्षार्थी की विशेषताएँ
शिक्षण को प्रभावित करने वाले कारक
शिक्षण विधियाँ
शिक्षण सहायक सामग्री एवं मूल्यांकन प्रणालियाँ



6. विषय विशिष्ट

इस खंड में उम्मीदवार द्वारा चुने गए विषय से संबंधित प्रश्न होंगे। इसके साथ निम्नलिखित टॉपिक पर भी प्रश्न पूछे जाएँगे।

अनुभवात्मक गतिविधि-आधारित शिक्षणशास्त्र और केस स्टडी आधारित प्रश्न।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020, इसके उद्देश्य और निहितार्थ।

खेलो इंडिया, फिट इंडिया और अन्य समान कार्यक्रम (केवल पीईटी के लिए)



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