बहुब्रीहि समास - बहुब्रीहि समास के उदाहरण

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 बहुब्रीहि समास

जी नमस्कार दोस्तों! Gyanalay में आपका स्वागत है । इस ब्लॉग में हम बहुब्रीहि समास और इसके उदाहरण की चर्चा करेंगे। बहुब्रीहि समास में कोई भी पद प्रधान नहीं होता। जब दो पद मिलकर तीसरा पद बनाते हैं तब वह तीसरा पद प्रधान होता है। इसका विग्रह करने पर “वाला , हैजोजिसकाजिसकीजिसकेवह” आदि आते हैं 


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बहुब्रीहि समास के उदाहरण


दशानन = दश हैं आनन जिसके (रावण)
चतुर्भुज = चार भुजाओं वाला (विष्णु)
पीताम्बर = पीले हैं वस्त्र जिसके (कृष्ण) 
गजानन = गज का आनन है जिसका (गणेश)
त्रिनेत्र = तीन नेत्र हैं जिसके (शिव)

बहुव्रीहि समास के 10 उदाहरण

नीलकंठ = नीला है कंठ जिसका (शिव)
लम्बोदर = लम्बा है उदर जिसका (गणेश)
चक्रधरचक्र को धारण करने वाला (विष्णु)
वीणापाणी = वीणा है जिसके हाथ में (सरस्वती)
स्वेताम्बर = सफेद वस्त्रों वाली (सरस्वती)
सुलोचना = सुंदर हैं लोचन जिसके (मेघनाद की पत्नी)
दुरात्मा = बुरी आत्मा वाला (दुष्ट)
घनश्याम = घन के समान है जो (श्री कृष्ण)
मृत्युंजय = मृत्यु को जीतने वाला (शिव)
निशाचर = निशा में विचरण करने वाला (राक्षस)
गिरिधर = गिरी को धारण करने वाला (कृष्ण)
पंकज = पंक में जो पैदा हुआ (कमल)
त्रिलोचन = तीन है लोचन जिसके (शिव)
विषधर = विष को धारण करने वाला (सर्प)


बहुब्रीहि समास के उदाहरण


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