भारत की प्रमुख झीलें - Important Lakes in India

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 भारत की प्रमुख झीलें - Important Lakes in India 


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जी नमस्कार 🙏🏽 दोस्तों !! ज्ञानालय में आपका स्वागत है। इस ब्लॉग में भारत की प्रमुख झीलों के बारे में जानेंगे। इसमें हम ताजे पानी की झीलें, खारी झीलें तथा जिनसे जुड़े तथ्यों के बारे में चर्चा करेंगे। इसके साथ ही मैप पर झीलों की लोकेशन भी देखेंगे। 


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झील किसे कहते है


झीलें प्राकृतिक जलाशय होते हैं, जिनमें पानी इकट्ठा होता है। ये विभिन्न आकार और गहराई के हो सकते हैं, और इन्हें नदी, झरना, बारिश या भूमिगत जल स्रोतों से पानी मिलता है। झीलें प्राकृतिक सुंदरता का महत्वपूर्ण हिस्सा होती हैं, और अक्सर ये शांतिपूर्ण और रमणीय वातावरण प्रदान करती हैं। 


झीलों का पानी आमतौर पर स्थिर होता है, और इसके आसपास की वनस्पतियां और जीव-जंतु इसे जीवन से भरपूर बनाते हैं। कई झीलें पर्यटन स्थल के रूप में भी प्रसिद्ध होती हैं, जहाँ लोग नौका विहार, मछली पकड़ना और प्रकृति का आनंद लेने के लिए जाते हैं। भारत में नैनीताल, डल झील और पिचोला झील जैसी प्रसिद्ध झीलें हैं, जो अपने आकर्षक दृश्य और पर्यावरणीय महत्व के लिए जानी जाती हैं।


झीलें केवल प्राकृतिक सुंदरता ही नहीं बल्कि जल संरक्षण और इकोसिस्टम के संतुलन के लिए भी महत्वपूर्ण होती हैं। इनके संरक्षण और साफ-सफाई का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है, ताकि ये प्राकृतिक धरोहरें लंबे समय तक बनी रहें।


झीलों के प्रकार


झीलें कई प्रकार की होती हैं, और इन्हें उनके गठन, जल स्रोत, और अन्य भौगोलिक विशेषताओं के आधार पर विभाजित किया जा सकता है। यहां कुछ प्रमुख प्रकार की झीलें दी गई हैं:

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1. ग्लेशियर झील (Glacial Lake)


ये झीलें ग्लेशियरों के पिघलने से बनती हैं। जब ग्लेशियर पिघलते हैं, तो उनके द्वारा खींची गई घाटियों में पानी भर जाता है, जो झील का रूप ले लेता है। हिमालय में कई ग्लेशियर झीलें पाई जाती हैं, जैसे कि रूपकुंड झील ।


2. टेक्टोनिक झील (Tectonic Lake)


ये झीलें पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेटों की हलचल से बनती हैं। जब धरती की प्लेटों के बीच जगह बनती है या दरार पड़ती है, तो वहां पानी इकट्ठा हो जाता है और झील का निर्माण होता है। कैस्पियन सागर और बैकाल झील इसके उदाहरण हैं।


3. क्रेटर झील (Crater Lake)


ये झीलें ज्वालामुखी के विस्फोट के बाद बने क्रेटर में पानी भरने से बनती हैं। ये झीलें आमतौर पर गोलाकार होती हैं। लोनार झील (महाराष्ट्र) इसका एक उदाहरण है।


4. नदीमुख झील (Oxbow Lake)


जब कोई नदी अपना मार्ग बदल लेती है, तो पुराना मार्ग या मोड़ का हिस्सा कट जाता है, जिससे एक झील का निर्माण होता है। इसे नदीमुख या ऑक्सबो झील कहते हैं। 


5. कृत्रिम झील (Artificial Lake)


ये झीलें मानव निर्मित होती हैं, जिन्हें बांध, जलाशय या जल संचयन के लिए बनाया जाता है। गोविंद सागर (हिमाचल प्रदेश) और ऊँची झील (राजस्थान) इसके उदाहरण हैं।


6. खारी झील (Saltwater Lake)


ये झीलें खारे पानी वाली होती हैं, जिनमें नमक की मात्रा अधिक होती है। सांभर झील (राजस्थान) और चिलिका झील (ओडिशा) इसके उदाहरण हैं।


7. मीठे पानी की झील (Freshwater Lake)


ये झीलें मीठे पानी वाली होती हैं और पीने के लिए उपयुक्त होती हैं। ये आमतौर पर पहाड़ों और हरी-भरी जगहों में पाई जाती हैं। डल झील (कश्मीर) और नैनी झील (उत्तराखंड) इसके उदाहरण हैं।


8. प्लाया झील (Playa Lake)


ये झीलें शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में होती हैं और सामान्यतः वर्षा के मौसम में भरती हैं और सूखे में सूख जाती हैं। 

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ये झीलें अलग-अलग प्राकृतिक प्रक्रियाओं और मानवीय हस्तक्षेप के कारण बनती हैं, और इनके अध्ययन से हमें भौगोलिक और पर्यावरणीय जानकारी प्राप्त होती है।


झीलों का महत्व


झीलें हमारे पर्यावरण और समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। यहां झीलों के महत्व को विभिन्न दृष्टिकोणों से समझाया गया है:


1. जल स्रोत

 

झीलें ताजे पानी का प्रमुख स्रोत होती हैं, जो पीने, सिंचाई, और घरेलू उपयोग के लिए आवश्यक होता है। ये जल संग्रहण का महत्वपूर्ण माध्यम होती हैं, खासकर सूखे और जल संकट के समय में।


2. जैव विविधता का संरक्षण

 

झीलें वनस्पतियों और जीवों के लिए आवास प्रदान करती हैं। इन जलाशयों में मछलियाँ, पक्षी, और अन्य जलीय जीव-जंतु रहते हैं, जो जैव विविधता के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।


3. पर्यावरण संतुलन


झीलें पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में मदद करती हैं। वे जलवायु नियंत्रण, भूजल पुनर्भरण, और गाद (sediment) को रोकने में सहायक होती हैं, जिससे मिट्टी का कटाव कम होता है।

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4. पर्यटन और मनोरंजन


झीलें पर्यटन और मनोरंजन के महत्वपूर्ण केंद्र होती हैं। लोग झीलों के किनारे पिकनिक, बोटिंग, मछली पकड़ने, और अन्य गतिविधियों का आनंद लेते हैं। यह स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देता है।


5. कृषि और मत्स्य पालन

 

झीलों का पानी सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जिससे कृषि को समर्थन मिलता है। इसके अलावा, झीलों में मत्स्य पालन होता है, जो कई लोगों की आजीविका का स्रोत है।


6. जलवायु नियंत्रण


झीलें जलवायु को नियंत्रित करने में मदद करती हैं। ये जलवायु को ठंडा रखने और तापमान को संतुलित करने में सहायक होती हैं, विशेषकर गर्मियों में।


7. नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत


कुछ झीलों का उपयोग पनबिजली उत्पादन के लिए भी किया जाता है। बांधों के माध्यम से पानी को नियंत्रित कर विद्युत ऊर्जा उत्पन्न की जाती है, जो एक स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है।


8. संस्कृति और धार्मिक महत्व


झीलों का सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व भी होता है। कई झीलें धार्मिक स्थलों के पास स्थित होती हैं और उन्हें पवित्र माना जाता है। लोग वहां स्नान और पूजा करने जाते हैं।


9. जल संचयन और आपदा प्रबंधन


झीलें वर्षा के जल को संग्रहित करती हैं, जिससे बाढ़ की संभावना कम होती है। ये जल संचयन में मदद करती हैं, जिससे सूखे की स्थिति में पानी उपलब्ध रहता है।


इस प्रकार, झीलें न केवल प्राकृतिक सुंदरता का हिस्सा हैं, बल्कि वे हमारे जीवन के कई महत्वपूर्ण पहलुओं से जुड़ी हुई हैं। उनका संरक्षण और सतत प्रबंधन अत्यंत आवश्यक है ताकि उनका लाभ आने वाली पीढ़ियों को भी मिल सके।


महत्वपूर्ण झीलें


🔥 भारत में मीठे पानी की सबसे बड़ी झील – वुलर झील, जम्मू और कश्मीर


🔥 भारत में खारे पानी की सबसे बड़ी झील – चिल्का झील, उड़ीसा


🔥 भारत में सबसे ऊंची झील (ऊंचाई) – चोलमू झील , सिक्किम


🔥 भारत की सबसे लंबी झील – वेम्बनाड झील , केरल


🔥 भारत की सबसे बड़ी कृत्रिम झील – गोविंद वल्लभ पंत सागर (रिहंद बांध)


🔥 पुलिकट झील (आंध्र प्रदेश) - खारे पानी की झील। इसमें पुलिकट झील पक्षी अभयारण्य शामिल है। सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र यहीं स्थित है।


🔥 कोलेरू झील (आंध्र प्रदेश ) मीठे पानी की झील। प्रवासी पक्षियों का घर


🔥 नागार्जुनसागर (आंध्र प्रदेश) कृष्णा नदी पर बना मीठे पानी की कृत्रिम झील।


भारत की प्रमुख झीलें 


राज्य                       झील

जम्मू–कश्मीर - 🌊 वुलर, डल, अनंतनाग, बेरीनाग, शेषनाग, कौसरनाग, नागिन, गंगाबल और मानसबल


हिमाचल प्रदेश -  रेणुका, सूरजताल, चन्द्रताल


उत्तराखण्ड - नैनीताल, भीमताल, सातताल, नौकुछियाताल, देवताल, खुरपाताल, राकसताल


चंडीगढ़ - सुखनाझील


राजस्थान - राजसमंद, जयसमंद, नक्की, सांभर, फतेहसागर, लूनकरसर, डीडवाना, पिछौला, ढेबर और पुष्कर


महाराष्ट्र - लोनार और पोवई


कर्नाटक - बेलान्दुर


केरल - बेम्बानाड और अष्टमुदी


सिक्किम - सोंगमा

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मणिपुर - लोकटक


उड़ीसा - चिल्का


तेलंगाना - हुसैन सागर और नागार्जुन सागर


आंध्र प्रदेश- कोलेरू और पुलिकट


तमिलनाडु - कोडाइकनाल और कालीवेली


हरियाणा - सूरजकुण्ड


मानव निर्मित (कृत्रिम)झीलें


चम्बल नदी का पानी रोककर तीन कृत्रिम झीलें बनाई गयी हैं –

मध्य प्रदेश - गाँधीसागर झील

राजस्थान - जवाहर सागर झील और राणा प्रताप सागर झील


भारत की सबसे बड़ी कृत्रिम झील गोविन्दसागर झील है, जोकि सतलज नदी पर हिमाचल प्रदेश में स्थित है।


तेलंगाना राज्य में दो कृत्रिम झीलें हैं-

निजाम सागर झील मंजीरा या मंजरा नदी पर (गोदावरी की सहायक नदी है, जो दक्षिण की ओर से आकर मिलती है)

नागार्जुन सागर झील (कृष्णा नदी)


उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा पर गोविन्द वल्लभ पंत नामक कृत्रिम झील है। गोविन्द वल्लभ पंत कृत्रिम झील रिहन्द नदी का पानी रोककर बनायी गयी है। रिहन्द नदी सोननदी की सहायक नदी है, जो छत्तीसगढ़ राज्य में अमरकंटक पठार से निकलकर पटना के समीप गंगा नदी से मिल जाती है। गोविन्द वल्लभ पंत झील का जो भाग उत्तर प्रदेश में है, वह उत्तर प्रदेश राज्य के सोनभद्र जिले के अंतर्गत है।

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तमिलनाडु राज्य में कावेरी नदी का जल रोककर स्टेनले झील का निर्माण किया गया है।


हाफलोंग झील (असम) - मीठे पानी उच्च ऊंचाई वाली झील


दीपोरबील (असम) - मीठे पानी रामसर कन्वेंशन के तहत


सनबील (असम) - मीठे पानी (टेक्टॉनिक रूप से निर्मित) असम में सबसे बड़ी आर्द्रभूमि


गंगा झील (गेकर सिनिंग) - अरुणाचल प्रदेश


कांवर झील (बिहार) - ऑक्सबो (मीठे पानी) एशिया की सबसे बड़ी मीठे पानी की ऑक्सबो झील


नल सरोवर - गुजरात


सुरसागर झील - गुजरात

लाखोटा झील - गुजरात


सूरजकुंड झील - फरीदाबाद हरियाणा


चंद्र ताल - हिमांचल प्रदेश मीठे पानी की झील, रामसर आर्द्रभूमि स्थल


सूरज ताल - हिमांचल प्रदेश मीठे पानी (उच्च ऊंचाई) भागा नदी का प्रवाह


महाराणा प्रताप सागर- हिमांचल प्रदेश मीठे पानी, रामसर साइट


प्रशार झील- हिमांचल प्रदेश (मंडी) होलोमिटिक (मीठे पानी) इसमें एक तैरता हुआ द्वीप है


रेणुका झील- हिमांचल प्रदेश इसे रामसर साइट के रूप में नामित किया गया है


डल झील - जम्मू एवं कश्मीर श्रीनगर


पैंगोंग त्सो - लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर


वुलर झील - जम्मू एवं कश्मीर (ताज़ा पानी) भारत में मीठे पानी की सबसे बड़ी झील


एंकर झील - जम्मू एवं कश्मीर

मानसबल झील- जम्मू एवं कश्मीर

शेषनाग झील- जम्मू एवं कश्मीर


बेलंदूर झील- बैंगलोर कर्नाटक मीठे पानी


पंपा सरोवर - कर्नाटक मीठे पानी तुंगभद्रा नदी


अष्टमुडी कयाल - केरल खारा रामसर आर्द्रभूमि स्थल


कुट्टनाड- केरल बैकवाटर धान की खेती


वेम्बनाड- केरल खारा जल रामसर आर्द्रभूमि; नौका दौड़

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भोजताल - मध्यप्रदेश भोपाल


शिवसागर झील- सतारा महाराष्ट्र मीठे पानी कोयना बांध


लोनार झील- महाराष्ट्र क्रेटर लेक राष्ट्रीय भू-विरासत स्मारक

लोकटक झील मणिपुर – लेंटिकुलर ताज़ा पानी रामसर आर्द्रभूमि; फुमदिस (तैरता हुआ द्वीप); बहुउद्देशीय परियोजना


चिल्का झील- ओडिशा खारे जल की सबसे बड़ी झील


कंजिया झील- ओडिशा भुवनेश्वर मीठे पानी राष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि


हरिके- पंजाब मीठे पानी रामसर आर्द्रभूमि स्थल


सांभर झील- राजस्थान नमक का पानी रामसर आर्द्रभूमि; भारत में सबसे बड़ी अंतर्देशीय खारे पानी की झील


राजसमंद - राजस्थान मीठे पानी  

नक्की झील- राजस्थान

डीडवाना झील - राजस्थान

लूणकरनसर साल्ट लेक - राजस्थान

त्सोम्गो झील- सिक्किम पूर्वी सिक्किम मीठे पानी सर्दी जमी हुई है


ऊटी झील - नीलगिरी तमिलनाडु मीठे पानी नाव घर


कोडाइकनाल झील - तमिलनाडु कृत्रिम झील बोट क्लब, बोथहाउस और नाव सेवा


हुसैन सागर- हैदराबाद तेलंगाना कृत्रिम झील


भारत की सबसे बड़ी झील चिल्का झील है| चिल्का झील उड़ीसा राज्य में स्थित है।चिल्का एक लैगून झील है, जिसके कारण इसका जल खारा होता है। 


आंध्र प्रदेश- कोलेरू और पुलिकट

केरल- बेम्बानाड और अष्टमुदी

कोलेरू झील कृष्णा और गोदावरी नदियों के बीच में स्थित है।


पुलिकट झील आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु राज्य के सीमाई तट पर स्थित है।


पुलिकट झील में ही श्रीहरिकोटा द्वीपस्थित है, जिसपर ‘भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान’ द्वारा स्थापित सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र स्थित है।

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बेम्बानाड झील में एक द्वीप स्थित है, जिसे वेलिंगटन द्वीप कहते हैं| केरल में नौकायान प्रतियोगिता बेम्बानाड झील में वेलिंगटन द्वीप से ही आयोजित होती है।


केरल की लैगून झीलों को स्थानीय रूप से कयाल कहते हैं।


भारत की सबसे बड़ी ताजे पानी की झील वुलर झील जम्मू-कश्मीर राज्य में स्थित है।


झेलम नदी , बेरीनाग झील से निकलकर श्रीनगर में वुलर झील से होकर गुजरती है। 


गोखुर झील का निर्माण नदियों द्वारा किया जाता है, दूसरे शब्दों में झेलम नदी ने ही वुलर झील का निर्माण किया है| वुलर झील एक गोखुर झील का उदाहरण है।


वुलर झील के निर्माण में विवर्तनीक क्रिया का भी प्रभाव है| पृथ्वी के भीतर होने वाली आन्तरिक क्रिया को विवर्तनीक क्रिया कहते हैं।


राजस्थान राज्य की अधिकतर झीलें खारी है । राजस्थान राज्य की झीलों का निर्माण पवनों द्वारा हुआ है। राजस्थान की झीलों का लवणीय होना यह प्रमाणित करता है, कि यहाँ पर कभी टेथिस सागर रहा होगा जो अब एक अवशेष के रूप में बचा है, इसलिए इन झीलों का पानी खारा है।


महाराष्ट्र राज्य में स्थित लोनार झील ज्वालामुखी क्रियाओं के द्वारा निर्मित झील है।ज्वालामुखी क्रियाओं के द्वारा निर्मित झील को क्रेटर झील कहते हैं।


पूर्वोत्तर भारत की ताजे पानी की सबसे बड़ी झील लोकटक झील है, यह मणिपुर राज्य में स्थित है।मणिपुर राज्य में केबुललामजाओ नामक एक तैरता हुआ राष्ट्रीय पार्क स्थित है।


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