इतिहास के महत्वपूर्ण प्रश्न

Gyanalay
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इतिहास के महत्वपूर्ण प्रश्न 🙋 भाग -2

इतिहास के महत्वपूर्ण प्रश्न


सआदत खान अवध के स्वतंत्र राज्य के संस्थापक थे। सआदत खान बुरहान मुल्क को 1722 में नवाब नियुक्त किया गया और लखनऊ के पास फैजबाद में अपना दरबार स्थापित किया। उन्होंने अवध वंश की नींव रखने के लिए दिल्ली में एक कमजोर मुगल साम्राज्य का लाभ उठाया।


इतिहास महत्वपूर्ण प्रश्न भाग - 1


✍🏻 अवध को स्वतंत्र प्रांत के रूप में स्थापित किया। 1739 तक अवध के नवाब रहे।


✍🏻 सितार का आविष्कार अमीर खुसरो ने किया। 


✍🏻 मुगल काल के दौरान भारत में शुरू की गई दो प्रमुख फसलें- तम्बाकू और मक्का


✍🏻 शाहजहाँ के शासनकाल में उपनिषदों का फारसी में अनुवाद किया गया था। शाहजहाँ के शासनकाल के दौरान, उनके पुत्र दारा शिकोह ने भारतीय धर्म और दर्शन में पारंगत होकर उपनिषदों का फारसी में अनुवाद किया।


✍🏻 भगवान शिव को समर्पित सोमनाथ मंदिर को महमूद गजनवी ने 1025 ईसवी में लूट लिया था।


✍🏻 गुजरात के अहमदाबाद शहर की स्थापना 1411 में गुजरात की सल्तनत की राजधानी के रूप में उसके हमनाम सुलतान अहमद शाह द्वारा की गई थी।


✍🏻 सुलहकुल नीति- अकबर ने सुलहकुल की नीति की शुरूआत की थी। इसका उद्देश्य धार्मिक सहिष्णुता और विभिन्न समुदायों के बीच सौहार्द स्थापित करना था। अकबर ने इसके तहत सभी धर्मों के अनुयायियों के साथ समान व्यवहार किया और सभी धर्मों का सम्मान किया। सद्भाग का माहौल बनाने की कोशिश की गई। इसके माध्यम से अकबर ने अपने राज्य में राजनीतिक स्थिरता और शांति स्थापित करने का प्रयास किया, जिससे मुगल साम्राज्य की शक्ति और समृद्धि बढ़ी। इसी के आधार पर अकबर ने हिन्दू व्यापारियों और किसानों पर धार्मिक कर (जजिया) हटाया।

✍🏻 देवराय की लड़ाई- औरंगजेब और दारा शिकोह के बीच लड़ी गई थी। यह 1659 में पूर्वोत्तर भारत के देवराय में हुई। औरंगजेब ने दारा शिकोह को हराया था और उसे कंकवाड़ी किले अलवर में कैद कर लिया था।


✍🏻 नौरोज ईरानी और फारसी नव वर्ष है। यह वसंत का पहला दिन है। इस त्योहार की शुरुआत गयासुद्दीन बलबन ने की थी। बाद में मुगल बादशाह औरंगजेब ने नौरोज के उत्सव को समाप्त कर दिया।

✍🏻 कांगड़ा चित्रकला- अठारहवीं शताब्दी के मध्य तक कांगड़ा कलाकारों  एक ऐसी शैली विकसित की जिने लघु चित्रकला में एक नई भावना का संचार किया। प्रेरणा का स्त्रोत वैष्णव परंपराएं थीं। शांत नीले और हरे सहित कोमल रंग और विषयों के एक गीतात्मक उपचार ने कांगड़ा चित्रकला को प्रतिष्ठित किया। 


✍🏻 महाबलीपुरम मंदिर- इसे मामल्लपुरम मंदिर भी कहा जाता है। तमिलनाडु राज्य में स्थित एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर स्थल है। इस मंदिर को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है। इसका पल्लव राजवंश के राजा नरसिंह वर्मन प्रथम के द्वारा सातवीं और आठवीं शताब्दी में कराया गया। यह मोनोलिथिक (एकल-शिला) मंदिर हैं। सबसे प्रसिद्ध पांच पांडवों और द्रौपदी से जुड़े हुए हैं। 


✍🏻 अशोक ने भाब्रू स्तंभ में स्वयं को मगध का सम्राट घोषित किया है। यह राजस्थान के जयपुर जिले के विराटनगर नामक स्थान पर मिला था।


✍🏻 अशोक का मास्की अभिलेख कर्नाटक के रायचूर जिले में एक गाँव और एक पुरातात्विक स्थल है। यह मास्की नदी के तट पर स्थित है जो तुंगभद्रा की एक सहायक नदी है। यह अन्य के समान ही ब्राह्मी लिपि और प्राकृत भाषा में लिखा गया है। इस अभिलेख की प्रमुख विशेषता यह है कि उसे अशोक के नाम से संबोधित किया गया है।

 

✍🏻 हर्ष की प्रारंभिक राजधानी थानेश्वर थी। उसकी मृत्यु के बाद (लगभग 647ई) उसका साम्राज्य कमजोर पड़ गया। कन्नौज पर नियंत्रण के लिए त्रिपक्षीय संघर्ष शुरू हुआ। संघर्ष पाल, प्रतिहार, और राष्ट्रकूटों के बीच आठवीं से नौवीं शताब्दी के बीच हुआ था।


✍🏻 हर्षवर्धन ने संस्कृत में कई नाटकों की रचना की-


📚 नागानंद- यह एक बौद्ध धार्मिक नाटक है, जिसमें करुणा, और त्याग के महत्व को दर्शाया गया है।


📚 रत्नावली- एक प्रेमकथा है जिसमें उज्ज्यिनी के राजा उदयन और रत्नावली के प्रेमक कहानी को दर्शाया गया है।


📚 प्रियदर्शिका - यह भी उदयन की प्रेमकहानी पर आधारित है। यह नाटक रत्नावली के बीच की प्रेम कहानी को दर्साया गया है।


✍🏻 हर्षवर्धन का दरबारी कवि बाणभट्ट था। उनकी प्रसिद्ध रचना हर्षचरित है जिसमें समर्टा हर्ष के जीवन का वर्णन किया गया है। बाणभट्ट की दूसरी प्रमुख रचना कादम्बरी है, जो एक प्रेमकथा है और संस्कृत साहित्य के प्रारंभिक उपन्यासों में से एक माना जाता है।


✍🏻 हर्षवर्धन के दरबार में आने वाले चीनी विद्वान ह्वेन-सांग ने अपने यात्रा अनुभवों को सि-यू-की (Records of the Western Regions) में लिखा। उसने नालंदा विश्व विद्यालय में अध्ययन किया और भारतीय बौद्द धर्म के साथ-साध हिंदू धर्म, दर्षन, और संस्कृति के  बारे में गहन ज्ञान प्राप्त किया।


✍🏻 पुलकेशियन द्वितीय ने 618-619 ईस्वी की सर्दियों में नर्मदा के तट पर हर्ष को हराया था। पुलकेशियन के ऐहोल अभिलेख में हर्ष की हार का वर्णन मिलता है। हर्ष अपने बाद के जीवन में वैष्णव धर्म को छोड़कर हीनयान बौद्ध बन गया।


✍🏻 तंजावुर के बृहदेश्वर मंदिर परिसर में नंदी की एक विशाल मूर्ति है, जिसे भारत में सबसे बड़ी माना जाता है। मंदिर का निर्माण राजराज प्रथम ने 1009 ईस्वी में भगवान शिव की पूजा करने के लिए करवाया था। यह चोल स्थापत्य का सर्वोत्तम उदाहरण है।


✍🏻 अपने चरम पर, चोल साम्राज्य दक्षिण में श्रीलंका तट तट, लक्षद्वीप और मालदीव के अलावा पूरे मालाबार तट तक फैला हुआ था। यह वेल्लार और पेन्नार नदियों के बीच पांड्यों के क्षेत्र के उत्तर-पूर्व में स्थित था।


✍🏻 1023 ई. में गंगा के मैदानों पर विजय प्राप्त करने के बाद राजेंद्र प्रथम ने अपनी जय की स्मृति में गंगईकोंडचोलपुरम नामक एक महान शहर और एख शिव मंदिर और एक झील चोलगंगम का निर्माण करवाया।


✍🏻 मणिग्रामम 10वीं-12वी शताब्दी में पश्चिमी चालुक्य शासकों की अवधि के दौरान दक्षिण भारतीय व्यापारियों का एक बड़ा, प्रभावशाली संघ था।


✍🏻 तोलकाप्पियम तमिल साहित्य का सबसे पुराना ग्रंथ तोलकाप्पियम द्वारा लिखित व्याकरण पर एक ग्रंथ है। लेकिन यह संगम काल की राजनीतिक और सामाजिक आर्थिक स्तितियों पर जानकारी प्रदान करता है।



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