हड़प्पा सभ्यता का पतन कब और कैसे हुआ
नमस्कार दोस्तों! इस ब्लॉग में हम चर्चा करेंगे की हड़प्पा सभ्यता का पतन कब और कैसे हुआ?
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हड़प्पा सभ्यता के अवशेष जहां कहीं भी मिले हैं पूर्ण विकसित अवस्था में मिले हैं इसलिए इसके आदि और अंत का कुछ पता नहीं चल पाता है। फिर भी इतिहासकारों ने सिंधु सभ्यता के पतन के लिए निम्नलिखित कारकों को जिम्मेदार माना है-
बाढ़
मार्शल ने मोहनजोदड़ो, मैके ने चन्हूदरो तथा एस आर राव ने लोथल के पतन का प्रमुख कारण बाढ़ माना है। परंतु इससे उन नगरों के पतन के कारणों पर प्रकाश नहीं पड़ता है जो नदियों के किनारे स्थित नहीं थे।
आर्यों का आक्रमण
व्हीलर, गार्डन चाइल्ड, मैके, पिग्गट जैसे विद्वानों ने हड़प्पा सभ्यता के पतन का कारण आर्यों का आक्रमण माना है, ऐसे विद्वान अपनी मत की पुष्टि के लिए मोहनजोदड़ो से प्राप्त नर -कंकालो तथा ऋग्वेद के देवता इंद्र का उल्लेख दुर्गा संहारक के रूप में किया है परंतु अमेरिकी इतिहासकार केनेडी ने सिद्ध कर दिया है कि मोहनजोदड़ो के नरकंकाल मलेरिया जैसे किसी बीमारी से ग्रसित थे ना की युद्ध में मारे गए लोगों के नर कंकाल हैं।
जलवायु परिवर्तन
कुछ इतिहासकारों का मानना है कि जंगलों की अत्यधिक कटाई के कारण जलवायु में परिवर्तन आया। धीरे-धीरे यह क्षेत्र सूखाग्रस्त हो गया।अतः सभ्यता धीरे-धीरे विनष्ट हो गई।
महामारी
अमेरिकी इतिहासकार केनेडी का विचार है कि मलेरिया जैसी किसी महामारी से सैंधव सभ्यता की जनसंख्या नष्ट हो गई।
साधनों का अतिशय उपभोग
यह एक आधुनिक मत है कि इस सभ्यता के लोगों ने प्राकृतिक संसाधनों का अतिशय उपयोग कर डाला।जिससे उसकी जीवन शक्ति नष्ट हो गई। यह एक आकर्षक परिकल्पना है परंतु इसकी जांच के लिए विस्तृत अनुसंधान की आवश्यकता है।
अन्य कारण
अन्य कारणों में प्रमुख है प्रशासनिक शिथिलता, आदृश्य गाज, विदेशी व्यापार में गतिरोध, भूतत्विक परिवर्तन इत्यादि।