हड़प्पा सभ्यता - राजनीतिक संरचना
नमस्कार दोस्तों! इस ब्लॉग में हम चर्चा करेंगे की हड़प्पा सभ्यता की राजनीतिक संरचना कैसी थी?
तमाम प्रयासों के बाद भी अभी तक हड़प्पन लिपि को पढ़ने में सफलता नहीं मिली है, इसलिए हड़प्पा सभ्यता का राजनीतिक ढांचा कैसा था, इस विषय में हमें कोई भी प्रमाणिक जानकारी नहीं मिल पाती है। फिर भी हम इतना तो स्पष्ट रूप से का ही सकते हैं कि हड़प्पा सभ्यता में जैसा भी राजनीतिक ढांचा था वह बहुत ही सशक्त एवं प्रभावी था, क्योंकि इतने विशाल साम्राज्य को लगातार 600 वर्षों तक सफलतापूर्वक कायम रखना आसन बात नहीं है।
सीधे-सीधे शब्दों में कहा जाए तो हड़प्पा का राजनीतिक संगठन अज्ञात है।परंतु कुछ विद्वानों ने हड़प्पा के राजनीतिक संरचना के विषय में कुछ अनुमान जरूर लगाए हैं। जैसे-हड़प्पा सभ्यता व्यापार एवं वाणिज्य प्रधान था, इसलिए माना जाता है कि यहां के शासन व्यवस्था वणिक वर्ग के हाथों में था। हंटर जैसे इतिहासकार मानते हैं कि यहां की शासन व्यवस्था जनतांत्रिक पद्धति से संचालित थी। मैके के अनुसार हड़प्पा सभ्यता में जनप्रतिनिधि का शासन था। कुछ लोगों के अनुसार पुरोहित वर्ग शासन करता था क्योंकि कुछ स्थानों पर पूजा स्थल जैसे अवशेष प्राप्त हुए हैं।स्टुअर्ट पिग्गट ने इस सभ्यता की जुड़वां राजधानियां हड़प्पा मोहनजोदड़ो के होने का अनुमान लगाया है।
यह भी संभव है कि संपूर्ण क्षेत्र अनेक स्वतंत्र राज्यों में बांटा हुआ हो और उनमें से प्रत्येक की अलग राजधानी हो। जैसे- सिन्धु में मोहनजोदड़ो, पंजाब में हड़प्पा, राजस्थान में कालीबंगा और गुजरात में लोथल। इस संदर्भ में यह उल्लेखनीय है कि ईसा पूर्व में यद्यपि संपूर्ण उत्तर भारत में पुरातात्विक संस्कृति लगभग एक समान थी फिर भी संपूर्ण क्षेत्र 16 स्वतंत्र महाजनपदों में विभाजित था जिनकी अपने-अपनी राजधानियां थी।
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निष्कर्षतः कह सकते हैं कि हड़प्पा सभ्यता की शासन व्यवस्था अज्ञात है।