भागवत धर्म (वैष्णव धर्म)
भागवत धर्म या वैष्णव धर्म हिंदू धर्म का एक प्रमुख संप्रदाय है, जो भगवान विष्णु की पूजा करता है। इस धर्म में भगवान विष्णु को सर्वोच्च भगवान माना जाता है और उनके अवतारों की पूजा की जाती है।
भागवत धर्म के प्रवर्तक कृष्ण थे। कृष्ण के अनुयाई उन्हें भगवत (पूज्य) कहते थे, इसलिए इस धर्म का नाम भागवत धर्म पड़ गया। विष्णु का सर्वप्रथम उल्लेख ऋग्वेद में प्राप्त होता है। तदनुसार इन्होंने तीन पगों में समस्त लोकों को नाप लिया था। ऋग्वेद में विष्णु आकाश के देवता के रूप में जाने जाते थे।
मुख्य विशेषताएं:
1. भगवान विष्णु की पूजा
2. अवतारवाद (भगवान विष्णु के अवतार)
3. भक्ति (भगवान के प्रति प्रेम और समर्पण)
4. कर्म (अच्छे कार्यों का महत्व)
5. मोक्ष (जीवन-मृत्यु के चक्र से मुक्ति या आत्मा का परमात्मा से मिल जाना)।
अवतारवाद:
वैष्णव धर्म की प्रमुख विशेषता इसके अवतारवाद की संकल्पना है।अवतारवाद का सामान्य अर्थ है- ऊपर से नीचे आना, उतरना, शरीर धारण करना, जन्म ग्रहण करना इत्यादि। पारिभाषिक रूप में अवतार शब्द भगवान विष्णु अथवा देवताओं के अवतरण के लिए प्रयुक्त होता हैं। अमरकोश एवं गीत गोविंद में विष्णु के 39 अवतारों का उल्लेख मिलता है। परंतु वास्तविक रूप से 10 अवतार सर्वाधिक प्रचलित हैं जो निम्नलिखित हैं -
1. मत्स्य (मछली)
2. कूर्म (कछुआ)
3. वराह (सूअर)
4. नृसिंह (आधा मानव, आधा सिंह)
5. वामन (बौना)
6. परशुराम (राम)
7. राम
8. कृष्ण
9. बुद्ध
10. कल्कि (आने वाला अवतार)
प्रमुख ग्रंथ:
1. भगवद गीता
2. भगवद पुराण
3. विष्णु पुराण
4. भागवतम्
प्रमुख त्यौहार:
1. जन्माष्टमी (कृष्ण जन्मोत्सव)
2. राम नवमी (राम जन्मोत्सव)
3. दिवाली (राम की जीत का उत्सव)
4. होली (कृष्ण के साथ रंगों का उत्सव) आदि।
प्रमुख संप्रदाय:
1. वल्लभ संप्रदाय
2. चैतन्य संप्रदाय
3. रामानुज संप्रदाय आदि।
भागवत धर्म या वैष्णव धर्म हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो भगवान विष्णु की पूजा और भक्ति पर आधारित है।