बौद्ध धर्म

Gyanalay
By -
0

 बौद्ध धर्म 

बौद्ध धर्म


गौतम बुद्ध, जिन्हें सिद्धार्थ गौतम भी कहा जाता है, एक प्राचीन भारतीय धर्मगुरु और बौद्ध धर्म के संस्थापक थे। उनका जन्म लगभग 563 ईसा पूर्व लुम्बिनी, नेपाल में हुआ था और उनका परिनिर्वाण लगभग 483 ईसा पूर्व कुशीनगर, भारत में हुआ था।


जीवन


गौतम बुद्ध का जन्म एक राजकुमार के रूप में हुआ था। उनके पिता शुद्धोदन और माता माया थीं। उन्होंने अपना जीवन एक राजकुमार के रूप में बिताया, लेकिन जब उन्होंने दुख और असंतुष्टता को देखा, तो उन्होंने अपने जीवन को बदलने का फैसला किया।


ध्यान और ज्ञान


गौतम बुद्ध ने लगभग 6 वर्षों तक ध्यान और तपस्या की। अंत में, उन्होंने बोधि वृक्ष के नीचे ध्यान किया और ज्ञान प्राप्त किया।


चार आर्य सत्य


गौतम बुद्ध ने अपने ज्ञान को चार आर्य सत्य में संक्षेपित किया- 


1. दुःख - जीवन में दुख होता है।

2. दुःख समुदाय - दुख का कारण इच्छा और अज्ञान है।

3. दुःख निरोध - दुख को समाप्त करना संभव है।

4. दुःख निरोधगामिनी प्रतिपदा - दुःख को समाप्त करने के लिए आष्टांगिक मार्ग का पालन करना चाहिए।


आष्टंगिक मार्ग


गौतम बुद्ध ने आष्टंगिक  मार्ग को अपने अनुयायियों के लिए प्रस्तुत किया- 


1. सम्यक दृष्टि (सही दृष्टिकोण)

2. सम्यक संकल्प (सही निर्णय)

3. सम्यक वाक (सही वाणी)

4. सम्यक कर्म (सही कार्य)

5. सम्यक आजीव (सही जीवन)

6. सम्यक व्यायाम (सही प्रयास)

7. सम्यक स्मृति (सही स्मृति)

8. सम्यक समाधि (सही ध्यान)



बौद्ध धर्म में निर्वाण प्राप्त करने हेतु सदाचार और नैतिक जीवन पर अत्यधिक बल दिया गया है। दस शीलों का अनुशीलन नैतिक जीवन का आधार है। इन दस शीलों को शिक्षापाद भी कहा गया है।


दस शील या शिक्षापद 


गौतम बुद्ध के 10 शिक्षा पद निम्नलिखित हैं:


1. अहिंसा: जीवों को हानि न पहुँचाना।


2. सत्य: सच बोलना और सच्चाई को अपनाना।


3. अस्तेय: चोरी न करना और दूसरों का सम्मान करना।


4. ब्रह्मचर्य: विवाह से दूर रहना और आत्म-नियंत्रण करना।


5. अपरिग्रह: वैराग्य और संयम का पालन करना।


6. दोपहर के बाद भोजन न करना।


7. व्यभिचार ना करना।


8. मद्द का सेवन न करना।


9. आरामदायक शय्या का त्याग।


10. आभूषणों का त्याग।


बौद्ध धर्म के त्रिरत्न- 

बुद्ध

धम्म

संघ


बौद्ध धर्म के विभिन्न संप्रदाय - 


हीनयान, महायान, वज्रयान, सहजयान, कालचक्रयान इत्यादि।


महापरिनिर्वाण


गौतम बुद्ध का परिनिर्वाण लगभग 483 ईसा पूर्व कुशीनगर, भारत में हुआ था। उनके परिनिर्वाण के बाद, उनके अनुयायियों ने बौद्ध धर्म को फैलाया।


गौतम बुद्ध एक महान धर्मगुरु और शिक्षक थे, जिन्होंने जीवन में दुख को समाप्त करने के लिए मार्ग दिखाया।

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!