मौर्य साम्राज्य (322B.C.-185B.C.)
नंद वंश के अंतिम शासक धननंद को मार कर जिस व्यक्ति ने मौर्य वंश की स्थापना की उसका नाम यूनानी लेखकों ने सैंड्रोकोट्स बताया। सर्वप्रथम विलियम जोन्स ने इस सैंड्रोकोट्स की पहचान चंद्रगुप्त मौर्य से की। मौर्य साम्राज्य के विषय में जानकारी के प्रमुख स्रोत निम्नलिखित हैं -
1: कौटिल्य का अर्थशास्त्र
2: मेगस्थनीज की इंडिका एवं अन्य यूनानी विवरण
3: रुद्रदामन का जूनागढ़ अभिलेख
4: विशाखदत्त की मुद्राराक्षस
5: जैन और बौद्ध ग्रंथ
6: अशोक के अभिलेख
7: क्षेमेंद्र कृत वृहत्कथामंजरी
8: सोमदेव कृत कथासरितसागर
कौटिल्य का अर्थशास्त्र
मौर्यों का इतिहास जानने के लिए साहित्यिक स्रोतों में सबसे महत्वपूर्ण विवरण कौटिल्य का अर्थशास्त्र है। कौटिल्य के अन्य नाम विष्णु गुप्त और चाणक्य है।कौटिल्य को भारत का मैकियावेली भी कहा जाता है। कौटिल्य के अर्थशास्त्र में कुल 15 अधिकरण (भाग) है।
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मेगस्थनीज की इंडिका
मेगस्थनीज सेल्यूकस का राजदूत था, जो चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में 304 ईसा पूर्व से 299 ईसा पूर्व के बीच रहा। उसके ग्रंथ से चंद्रगुप्त मौर्य के प्रशासन की विश्वसनीय जानकारी प्राप्त होती है। हालांकि ग्रन्थ अपने मूल रूप में उपलब्ध नहीं है फिर भी उसके उद्धरण अनेक यूनानी लेखकों के ग्रंथों से प्राप्त होते हैं। अन्य यूनानी लेखकों में प्रमुख हैं- डियोडोरस, प्लिनी, प्लूटार्क, जस्टिन।
रुद्रदामन का जूनागढ़ अभिलेख
शक शासक रुद्रदामन के जूनागढ़ अभिलेख (150 ई.) में चंद्रगुप्त मौर्य एवं अशोक दोनों के नाम का उल्लेख मिलता है। इस अभिलेख से पता चलता है कि चंद्रगुप्त मौर्य ने सौराष्ट्र प्रांत में सुदर्शन झील का निर्माण कराया। बाद में अशोक ने सुदर्शन झील का पुनर्निर्माण करवाया गया। इस अभिलेख से मौर्य साम्राज्य के अनेक प्रशासनिक अधिकारियों के नाम प्राप्त होते हैं।
विशाखदत्त की मुद्राराक्षस
इस पुस्तक से चंद्रगुप्त मौर्य के प्रारंभिक जीवन की जानकारी मिलती है। इसमें चंद्रगुप्त के लिए वृषल शब्द का उल्लेख किया गया है।
बौद्ध और जैन ग्रंथ
बौद्ध एवं जैन ग्रंथों में मौर्य साम्राज्य के विषय में अनेक जानकारी प्राप्त होती हैं।
अशोक के शिलालेख
अशोक का इतिहास मुख्यतः उसके अभिलेख से ही ज्ञात होता है। अभी तक उसके 40 से अधिक अभिलेख प्राप्त हो चुके हैं।प्रसिद्ध इतिहासकार डी. आर. भंडारकर ने केवल अभिलेखों के आधार पर ही अशोक का इतिहास लिखने का सफल प्रयास किया है। अशोक के अभिलेखों के अलावा मौर्यकालीन कुछ अन्य अभिलेख भी प्राप्त हुए हैं जिससे मौर्य साम्राज्य के विषय में अनेक महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होती हैं।