शैव धर्म किसे कहते है ? क्या है इसकी विशेषता

Gyanalay
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शैव धर्म किसे कहते है ? क्या है इसकी विशेषता

शैव धर्म किसे कहते है ? क्या है इसकी विशेषता 


शिव के उपासक शैव कहे गए और इनसे संबंधित धर्म को शैव धर्म कहा गया। यह भारत का प्राचीनतम धर्म है, इसकी प्राचीनता सिंधु सभ्यता तक जाती हैं। ऋग्वेद में शिव का नाम रूद्र मिलता है। उत्तर वैदिक काल में इनका नाम शिव प्राप्त होता है। अथर्ववेद एवं श्वेताश्वर उपनिषद में शिव का नाम महादेव मिलता है। रुद्र की पत्नी के रूप में पार्वती का नाम तैत्तिरीय आरण्यक में मिलता है। लिंग पूजा का प्रथम उल्लेख मत्स्य पुराण में है। शिव की प्राचीनतम मूर्ति पहली शताब्दी ईस्वी में मद्रास के निकट रेणिगुंटा में प्रसिद्ध गुड़ीमल्लम लिंग के रूप में प्राप्त हुई है।


 पाणिनि की अष्टाध्याई के बारे में कहा जाता है कि पाणिनी के 14 सूत्र महादेव के डमरू से उत्पन्न हुए हैं। मेगास्थनीज उल्लेख करता है कि मथुरा के निवासी शिव की पूजा करते थे। संस्कृत के महान कवि कालिदास शैव धर्मके उपासक थे। गुप्त काल में ही त्रिमूर्ति के रूप में ब्रह्मा, विष्णु और शिव की उपासना प्रारंभ हुई। एलिफेंटा की त्रिमूर्ति इस प्रकार की प्रसिद्ध मूर्ति है।


दक्षिण भारत में शैव धर्म


दक्षिण भारत में शैव धर्म का प्रचार- प्रसार करने वाले संतों को नयनार कहा गया। इनकी कुल संख्या 63 थी।

 

मुख्य विशेषताएं 


1. भगवान शिव की पूजा।

2. शिवलिंग की पूजा।

3. शिव पुराण का अध्ययन।

4. योग और ध्यान का महत्व।

5. कर्म और धर्म का पालन।


शैव धर्म के प्रमुख संप्रदाय


1. शैव सिद्धांत

2. वीर शैव

3. शाक्त शैव

4. कापालिक शैव

5. नाथ शैव

6. पाशुपत संप्रदाय 

7. कालामुख संप्रदाय 

8. वीर शैव अथवा लिंगायत संप्रदाय 

9. नाथ संप्रदाय ।


शैव धर्म के प्रमुख त्यौहार:


1. महाशिवरात्रि

2. शिव रात्रि

3. शिवरात्रि

4. गणेश चतुर्थी

5. नवरात्रि


शैव धर्म के प्रमुख ग्रंथ:


1. शिव पुराण

2. शिव महापुराण

3. शिव गीता

4. शिव स्तोत्र

5. तिरुमुराई


शैव धर्म के प्रमुख मंदिर


1. केदारनाथ मंदिर

2. बद्रीनाथ मंदिर

3. पाशुपतिनाथ मंदिर

4. सोमनाथ मंदिर

5. महाकालेश्वर मंदिर

6. नागेश्वर नाथ मंदिर।


शैव धर्म हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो भगवान शिव की पूजा और उनके सिद्धांतों का पालन करता है।

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