अनुप्रास अलंकार की परिभाषा
अनुप्रास अलंकार के 10 उदाहरण
अनुप्रास अलंकार की परिभाषा
अलंकार है शाब्दिक अर्थ है आभूषण । अर्थात काव्य का आभूषण । काव्य की शोभा या सुंदरता बढ़ाने की विधि को अलंकार कहते हैं । अनुप्रास अलंकार, अलंकार का एक भेद है।
“जब किसी काव्य में एक ही शब्द या वर्ण को दो या दो से अधिक बार बोलकर एक स्वर या ध्वनि पैदा की जाती है, तो उसे अनुप्रास अलंकार कहते हैं।”
अब आप बताइए कि “ चाचा ने चाची को चाँदनी चौक में चाँदी के चम्मच से चटनी चखाई। ” में कितनी बार च वर्ण का प्रयोग किया है। इसमें 8 बार च वर्ण का प्रयोग किया गया । अतः इसमें अनुप्रास अलंकार है ।
अनुप्रास अलंकार के 10 उदाहरण
१. पीतल के पतीले में पपीता पीला पीला।
प वर्ण की पुनरावृत्ति है । अतः इसमें अनुप्रास अलंकार है ।
२. सरकते सरकते साँप सरसों में सरक गया ।
अनुप्रास अलंकार का उदाहरण है ।
३. खड़क सिंह के खड़कने से खड़कती हैं खिड़कियाँ ।
अनुप्रास अलंकार है ।
४. कायर क्रूर कपूत कुचली यूँ ही मर जाते हैं ।
अनुप्रास अलंकार का उदाहरण है । क वर्ण की पुनरावृत्ति 🔁
५. कुकि कुकि कलित कुंजन करत कलोल।
अनुप्रास अलंकार
६. चमक गई चपला चम चम ।
अनुप्रास अलंकार
७. रघुपति राघव राजा राम।
गांधी जी का पसंदीदा भजन। अक्सर गाते थे। इसमें भी अनुप्रास अलंकार है ।
८. श्याम श्याने सवारे ।
अनुप्रास अलंकार का उदाहरण है ।
९. गुरु गोविन्द गहु बिंदरू ।
अनुप्रास अलंकार
१०. सुरभित सुंदर सुखद सुमन तुम पर खिलते हैं ।
११. कंकन किंकिंन नूपुर धुनि सुनि, कहत लखन सन राम हृदय गुनि ।
अनुप्रास अलंकार का उदाहरण है ।
१२. तरनि तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाए ।
इसमें त वर्ण की पुनरावृत्ति 🔁 हो रही है । अतः इसमें भी अनुप्रास अलंकार है ।
१३. चारु चंद्र की चंचल किरणें, खेल रही थीं जल थल में।
ये भी अनुप्रास अलंकार का उदाहरण है । परीक्षा में अक्सर पूछा जाता है ।