डेमी-ऑफिशियल पत्र D.O. पत्र प्रारूप सरकारी पत्राचार आधिकारिक पत्र लेखन D.O. पत्र उदाहरण

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डेमी-ऑफिशियल (D.O.) पत्र का प्रारूप: एक विस्तृत मार्गदर्शिका


डेमी-ऑफिशियल पत्र D.O. पत्र प्रारूप सरकारी पत्राचार आधिकारिक पत्र लेखन D.O. पत्र उदाहरण


सरकारी कार्यालयों में संचार के विभिन्न माध्यम होते हैं, जिनमें से एक महत्वपूर्ण माध्यम है डेमी-ऑफिशियल (D.O.) पत्र। यह पत्राचार का एक विशेष रूप है जिसका उपयोग अधिकारियों के बीच व्यक्तिगत ध्यान आकर्षित करने के लिए किया जाता है। इस ब्लॉग में, हम D.O. पत्र के अर्थ, उद्देश्य, प्रारूप, और उदाहरणों पर विस्तृत चर्चा करेंगे।



D.O. पत्र का अर्थ और उद्देश्य



डेमी-ऑफिशियल (D.O.) पत्र एक ऐसा पत्र है जो आधिकारिक और व्यक्तिगत संचार के मिश्रण के रूप में कार्य करता है। इसका मुख्य उद्देश्य किसी महत्वपूर्ण विषय पर प्राप्तकर्ता का व्यक्तिगत ध्यान आकर्षित करना होता है, विशेषकर जब पहले भेजे गए औपचारिक पत्रों का अपेक्षित उत्तर नहीं मिला हो।



D.O. पत्र कब उपयोग किया जाता है?



  • व्यक्तिगत ध्यान आकर्षित करने के लिए: जब किसी विषय पर त्वरित कार्रवाई या प्रतिक्रिया आवश्यक हो।
  • गोपनीय मामलों में: जब विषय गोपनीय हो और औपचारिक प्रक्रिया से बचना हो।
  • अनौपचारिक संचार के लिए: जब आधिकारिक विषयों पर व्यक्तिगत संबंधों के माध्यम से संवाद करना हो।




D.O. पत्र का प्रारूप



D.O. पत्र का एक विशिष्ट प्रारूप होता है, जिसमें निम्नलिखित तत्व शामिल होते हैं:


  1. प्रेषक का विवरण:
    • नाम और पदनाम: प्रेषक का नाम और पदनाम पत्र के शीर्ष बाएँ कोने में होता है।
    • विभाग का नाम, पता, और टेलीफोन नंबर: प्रेषक के नाम और पदनाम के नीचे विभाग का नाम, पता, और संपर्क नंबर दिया जाता है।

  2. पत्र संख्या और तिथि:
    • D.O. नंबर: पत्र का संदर्भ संख्या।
    • तिथि: पत्र लिखने की तिथि।

  3. प्राप्तकर्ता का विवरण:
    • नाम और पदनाम: प्राप्तकर्ता का नाम और पदनाम पत्र के अंत में बाएँ ओर दिया जाता है।

  4. सलutation (अभिवादन):
    • वरिष्ठ अधिकारियों के लिए: “आदरणीय श्रीमान/श्रीमती”
    • समान स्तर के अधिकारियों के लिए: “प्रिय श्री/श्रीमती [नाम]”
    • कनिष्ठ अधिकारियों के लिए: “मेरे प्रिय [नाम]”

  5. विषय और संदर्भ:
    • विषय: पत्र का मुख्य विषय।
    • संदर्भ: यदि कोई पूर्व संचार हुआ हो तो उसका उल्लेख।

  6. पत्र का मुख्य भाग (Body):
    • संक्षिप्त और स्पष्ट भाषा में विषय का विवरण।

  7. समापन:
    • “सादर” या “भवदीय” जैसे शब्दों के साथ पत्र का समापन।

  8. प्रेषक का हस्ताक्षर:
    • प्रेषक का हस्ताक्षर, नाम, पदनाम, और विभाग का नाम।




D.O. पत्र का उदाहरण



नीचे एक D.O. पत्र का उदाहरण प्रस्तुत है:


श्रीमान एक्स.वाई.जेड.

उप सचिव

दूरभाष: ९४३XXXXXXX

डी.ओ. संख्या: १२३४XXX

भारत सरकार

विभाग का नाम

नई दिल्ली, दिनांक: [तारीख]


प्रिय श्री [प्राप्तकर्ता का नाम],


विषय: [विषय का उल्लेख]


संदर्भ: [यदि कोई हो तो संदर्भ का उल्लेख]


[पत्र का मुख्य भाग: संक्षिप्त में विषय का विवरण]


सादर,


(हस्ताक्षर)

(प्रेषक का नाम)

(पदनाम)

(विभाग का नाम)

(पता)


D.O. पत्र का उदाहरण



प्रेषक का पता:

श्रीमान अजय कुमार

उप सचिव

शिक्षा विभाग

भारत सरकार

नई दिल्ली - 110001

फोन: 011-12345678

दिनांक: 15 अप्रैल, 2025


प्राप्तकर्ता का पता:

श्रीमान विजय शर्मा

सचिव

मानव संसाधन विकास मंत्रालय

भारत सरकार

नई दिल्ली - 110001

विषय: विद्यालयों में डिजिटल शिक्षा के कार्यान्वयन के संबंध में।


प्रिय श्री शर्मा,


हमारे विभाग द्वारा विद्यालयों में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक नई योजना तैयार की गई है। इस योजना का उद्देश्य छात्रों को आधुनिक तकनीक से जोड़ना और उनकी सीखने की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाना है।


कृपया इस योजना के मसौदे की समीक्षा करें और अपने बहुमूल्य सुझाव 30 अप्रैल, 2025 तक प्रदान करें, ताकि हम इसे अंतिम रूप दे सकें।


सादर,


[हस्ताक्षर]


अजय कुमार


उप सचिव


शिक्षा विभाग



एक और उदाहरण



प्रेषक का पता:

डॉ. सीमा गुप्ता

निदेशक

स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग

भारत सरकार

नई दिल्ली - 110002

फोन: 011-87654321

दिनांक: 20 अप्रैल, 2025


प्राप्तकर्ता का पता:

डॉ. राजेश वर्मा

मुख्य चिकित्सा अधिकारी

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान

नई दिल्ली - 110029

विषय: नवीनतम स्वास्थ्य अनुसंधान परियोजना में सहयोग के संबंध में।


प्रिय डॉ. वर्मा,


हमारे विभाग ने हाल ही में एक स्वास्थ्य अनुसंधान परियोजना शुरू की है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करना है।


हम चाहते हैं कि आपका संस्थान इस परियोजना में सहयोग करे और अपने विशेषज्ञता के माध्यम से इसे सफल बनाने में सहायता प्रदान करे। कृपया हमें सूचित करें कि आप इस सहयोग के लिए उपलब्ध हैं या नहीं।


सादर,


[हस्ताक्षर]


डॉ. सीमा गुप्ता


निदेशक


स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग


  • निष्कर्ष



डेमी-ऑफिशियल (D.O.) पत्र सरकारी संचार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो आधिकारिक और व्यक्तिगत संचार के बीच संतुलन स्थापित करता है। इसका सही उपयोग अधिकारियों के बीच प्रभावी संचार सुनिश्चित करता है और महत्वपूर्ण विषयों पर त्वरित प्रतिक्रिया प्राप्त करने में मदद करता है। उपरोक्त मार्गदर्शिका के माध्यम से, आशा है कि आप D.O. पत्र के प्रारूप और उपयोग को भली-भांति समझ पाएंगे।


अधिक जानकारी के लिए, आप नीचे दिए गए वीडियो को भी देख सकते हैं:



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